भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 1 अगस्त को खेला जाना है। पहला टेस्ट बर्मिंघम में खेला जाएगा। दोनों टीमें पहले टेस्ट के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। आपको बता दें कि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की टीम खास तरह के फीते ( शू लेस) बांधकर मैदान पर उतरेगी। खिलाड़ियों के जूतों के फीतों का रंग इंद्रधनुष (रेन्बो) की तरह सात रंगों का होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इंग्लैंड टीम के ऐसा करने के पीछे का मकसद क्या है? आखिर टीम ऐसा क्यों कर रही है? तो हम आपको बता दें कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर) जागरुकता फैलाने के लिए ऐसा किया है। बोर्ड स्टोनवेल चैरिटी के साथ मिलकर रेनबो लेसेस मुहिम को क्रिकेट के खेल में जगह देने का फैसला किया है।
बोर्ड ने साथ ही ये भी कहा है कि ईसीबी से जुड़े सभी पेशेवर और शौकिया क्लब के खिलाड़ियों को इस तरह के फीते बांधने होंगे। ताकि इससे हर कोई जान सके कि क्रिकेट का खेल हर किसी के लिए है। एलजीबीटी के समर्थन की मुहिम टी20 ब्लास्ट और महिला क्रिकेट सुपर लीग में भी दिखेगी। ये कैंपेन 27 जुलाई से लेकर 29 जुलाई तक जारी रहेगा। मुहिम के समर्थन के लिए ना सिर्फ फीते बल्कि स्टैंप, झंडों के साथ-साथ बड़ी स्कीन्स पर भी रेनबो दिखाया जाएगा।
बोर्ड के एक अधिकारी ने मामले पर बोलते हुए कहा, 'क्रिकेट का खेल हर वर्ग के लिए है। इसलिए हमने स्टोनवेल और रेनबो लेसेस के समर्थन से खुश हैं। हर किसी को लगना चाहिए के क्रिकेट का खेल हर किसी का स्वागत करता है। हम इस मुहिम के साथ हैं और इसे बढ़ाने में अपना योगदान देना चाहते हैं।' आपको बता दें कि इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ पहला मैच खेलने 1 अगस्त को मैदान पर उतरेगी।