इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को 60 रनों से करारी हार मिली। चौथी पारी में 245 रनों का लक्ष्य मिला था जिसके जवाब में भारतीय टीम 184 रनों पर सिमट गई और मुकाबले को 60 रनों से हार गई। इस हार के लिए खराब बल्लेबाजी को तो दोष देना ही चाहिए। इसके अलावा टीम इंडिया की इस हार में एक और कनेक्शन सामने आ रहा है और वो है ऐक्स्ट्रा कनेक्शन। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये ऐक्स्ट्रा कनेक्शन क्या है? क्या ऐक्स्ट्रा कनेक्शन का किसी ऐक्स्ट्रा प्लेयर से मतलब है? तो हम आपको बता दें कि यहां हम किसी ऐक्स्ट्रा प्लेयर को हार का जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं। तो क्या है भारतीय टीम की हार का ऐक्स्ट्रा कनेक्शन आइए जानते हैं।
भारत की हार का ऐक्स्ट्रा कनेक्शन: दरअसल, चौथे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने कुल 43 एक्स्ट्रा रन खर्च किए। इस दौरान टीम ने पहली पारी में 34 और दूसरी पारी में 9 रन ऐक्स्ट्रा के रूप में खर्च किए। यानी अगर दोनों पारियों के ऐक्स्ट्रा रन को मिला दिया जाए तो ये 43 पहुंच जाते हैं। वहीं, भारत मैच को 60 रनों से हारा है। साफ है कि अगर भारत ने इतने ऐक्स्ट्रा नहीं दिए होते तो टीम के सामने लक्ष्य 245 का नहीं बल्कि 200 के आस पास का होता और भारत के लिए इस लक्ष्य का पीछा करना ज्यादा मुश्किल नहीं होता।
लेकिन टीम इंडिया ने मैच में पानी की तरह ऐक्स्ट्रा बहाए। पहली पारी में भारत ने 23 बाई, 9 लेग बाई और 2 नो बॉल के रूप में ऐक्स्ट्रा दिए। वहीं, दूसरी पारी में 7 बाई, 2 लेग बाई के लिए रूप में ऐक्स्ट्रा दिए। बाई के रूप में भारत ने दोनों पारियों को मिलाकर कुल 30 ऐक्स्ट्रा खर्च किए। जाहिर है कि टेस्ट मैच में जहां कोई भी टीम ऐक्स्ट्रा के रूप में बहुत कम रन खर्च करती है वहां, इतने ज्यादा रन लुटा देना हार की बुनियाद रखने के लिए काफी रहता है और भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।