भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही भारत सीरीज भी हार गया। विराट कोहली की कप्तानी में ये लगातार दूसरा मौका है जब भारत विदेशी दौरों पर टेस्ट सीरीज हारा। इससे पहले टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में हार मिली थी। अब चौथा मैच हारते ही भारत के हाथ से सीरीज भी फिसल गई। हालांकि इस मैच में कप्तान कोहली और उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अच्छी बल्लेबाजी की और एक समय भारत की स्थिति बेहद मजबूत कर दी थी। लेकिन कहावत है कि किसी भी मैच को 1-2 खिलाड़ियों के भरोसे नहीं जीता जाता। इक्का-दुक्का खिलाड़ियों को छोड़कर कोई और बल्लेबाज चला नहीं और भारत को सीरीज हार के रूप में इसका खामियाजा उठाना पड़ा। आइए आपको बताते हैं कि इस हार के 5 गुनहगार कौन रहे।
के एल राहुल: के एल राहुल को वैसे तो बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज कहा जाता है। माना जाता है वो ऐसी तकनीक से लैश हैं जो क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कमाल कर सकते हैं। लेकिन चौथे टेस्ट में राहुल दोनों पारियों में बुरी तरह से नाकाम रहे। राहुल ने पहली पारी में 19 और दूसरी पारी में 0 पर आउट हो गए।
शिखर धवन: भारतीय टीम के गब्बर शिखर धवन इंग्लैंड के सामने घुटने टेकते नजर आए। धवन को दोनों पारियों में शुरुआत तो मिली लेकिन अच्छी शुरुआत को वो बड़ी पारी में नहीं बदल सके और विकेट फेंककर चलते बने। धवन ने पहली पारी में 23 और दूसरी पारी में 17 रन का स्कोर किया। धवन एक बार भी भारत को अच्छी शुरुआत नहीं दे सके।
हार्दिक पंड्या: हार्दिक पंड्या भी इस लिस्ट में शामि हैं। पंड्या कहने को तो ऑल राउंडर हैं लेकिन सिर्फ कहने को। उनके प्रदर्शन में ऐसा कुछ झलकता नहीं है कि उन्हें ऑल राउंडर कहा जाए। चौथे टेस्ट की पहली पारी में पंड्या ने 4 रन बनाए। तो दूसरी में वो खाता भी नहीं खल सके। गेंदबाजी में पहली पारी में पंड्या को 1 और दूसरी में कोई विकेट नहीं मिला।
ऋषभ पंत: ऋषभ पंत ने डेब्यू तो धमाकेदार किया था। लेकिन सीरीज के चौथे और अपने दूसरे टेस्ट में वो कुछ भी नहीं कर पाए। पंत का ना तो बल्ला चला और ना वो विकेटकीपिंग में कुछ कर पाए। पंत ने पहली पारी में 29 गेंदों में 0 और दूसरी पारी में 12 गेंदों में 18 रन बनाए। इसके अलावा पंत ने मैच में 30 बाई दिए। इसके साथ ही पंत भारत की तरफ से दूसरे सबसे ज्यादा बाई के रूप में रन देने वाले विकेटकीपर बन गए।
आर अश्विन: आर अश्विन को एकमात्र स्पिनर के रूप में टीम में शामिल किया गया था। माना जा रहा था कि अश्विव जरूर अच्छा करेंगे। लेकिन अश्विन अपना कमाल नहीं दिखा सके और पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 37.1 ओवर में सिर्फ 1 विकेट ही ले सके। जिस पिच पर मोईन अली ने 9 विकेट लिए, उस पर अश्विन संघर्ष करते नजर आए।