इंग्लैंड के बल्लेबाज जोस बटलर ने कहा कि वो नहीं चाहते थे कि भारत के लिए कुछ भी आसान हो और तीसरे टेस्ट मैच को पांचवें दिन तक खींचकर उन्होंने मेहमान टीम को जीत के लिए कड़ी मेहनत करवा दी। बटलर ने 103 रन बनाए और बेन स्टोक्स के साथ पांचवें विकेट के लिए 169 रन की साझेदारी की लेकिन जसप्रीत बुमराह के 85 रन पर पांच विकेट की मदद से इंग्लैंड 521 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए नौ विकेट पर 311 रन बनाकर हार के कगार पर पहुंच गया है। बटलर ने कहा, ‘‘हमारे लिए आज अच्छा प्रदर्शन करना, कभी हार नहीं मानने के जज्बे को दिखाना औन भारत को आसानी से जीतने नहीं देना जरूरी था। उन्हें इसके लिए जितना जरूरी हो उतनी कड़ी मेहनत करवाना हमारा उद्देश्य था। हमने पूरे दिन वास्तव में ऐसा अच्छी तरह से किया। यहां तक कि दो खिलाड़ियों ने आखिर में ये सुनिश्चित किया कि मैच पांचवें दिन तक चले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि हालात कैसे भी हों हम हार नहीं मानते।’’ बटलर और स्टोक्स ने बीच में भारतीयों को परेशान किया। अपना पहला टेस्ट शतक जड़ने वाले बटलर ने कहा कि उन्हें लग रहा था कि वो पूरे दिन भर बल्लेबाजी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय तक बल्लेबाजी करके अच्छा लग रहा है। हम जानते थे कि (दूसरी) नई गेंद खेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे पहले बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियां वास्तव में अच्छी थी। ये निराशाजनक है कि मैं थोड़ा और समय क्रीज पर नहीं बिता पाया।’’
अपने शतक के बारे में बटलर ने कहा, ‘‘लंबे समय से इसका इंतजार था तथा कुछ महीने पहले तक ये लाखों मील दूर था। ये मेरे लिए महत्वपूर्ण क्षण है। मुझे नहीं लगता कि मैं इस अहसास को कम करके आंक सकता हूं। व्यक्तिगत तौर पर मैं खुश हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कभी पक्के तौर पर यकीन नहीं था कि मैं फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा। आप जब टीम से बाहर होते हो या वापसी के करीब होते हो तो ऐसे विचार आपके दिमाग में तैरते रहते हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा इसलिए मैंने प्रयास किया और इसे सुनिश्चित किया।’’
बुमराह के बारे में बटलर ने कहा, ‘‘वो बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज हैं। सीमित ओवरों की क्रिकेट और आईपीएल में वो लाजवाब हैं और अब वो टेस्ट मैचों में भी ऐसा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका ऐक्शन खास है और वो इससे अच्छी तेजी हासिल करते है। वो ऐसे गेंदबाज हैं जो आपके सामने अलग तरह की चुनौती पेश करते हैं।’’