एडिलेड। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने चेतेश्वर पुजारा की शतकीय पारी के दम पर पहली पारी में 250 रनों का स्कोर खड़ा किया। एक समय पर 41 के ही स्कोर पर अपने चार बड़े विकेट खो देने वाली टीम इंडिया के लिए पुजारा दीवार बनकर खड़े रहे और अपनी 123 रनों की पारी के दम पर टीम को 250 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। पुजारा ने रोहित शर्मा (37), ऋषभ पंत (25) और रविचंद्रन अश्विन (25) के साथ मिलकर न सिर्फ भारतीय पारी को मुश्किल से निकाला बल्कि सम्मानजनक स्कोर की ओर अग्रसर किया। (Read also: शतक लगाने के बाद गरजे चेतेश्वर पुजारा, कहा- जितना स्लेज करोगे, उतने रन बनाऊंगा)
भारतीय टेस्ट टीम के नियमित बल्लेबाज पुजारा के बारे में कहा जाता है कि वे भारत में ही ज्यादा सफल होते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने दिखा दिया कि वे आखिर क्यों मौजूदा भारतीय टीम में सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि पुजारा की इस पारी ने उन्हें टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज की कतार में सबसे आगे खड़ा कर दिया। खुद भारतीय बैटिंग लीजेंड सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि पुजारा ने अपनी इस पारी के दम पर टीम इंडिया में कम से कम एक साल के लिए जगह पक्की कर ली है।
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया 1st Test Match, Day 2 लाइव क्रिकेट स्कोर
पुजारा को पिछले समय उनके स्लो स्ट्राइक रेट के लिए काफी आलोचना होती रही है। हालांकि गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट के इस लंबे प्रारूप में स्ट्राइक रेट का इतना महत्व नहीं होता है। इंडिया टूडे से बातचीत में सुनील गावस्कर ने कहा, "स्ट्राइक रेट की बहस केवल तभी हो सकती है जब आप किसी कमजोर टीम के साथ खेल रहे होते हैं। जब आप ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड जैसे क्वालिटी गेंदबाजी अटैक के सामने खेल रहे होते हैं तो स्ट्राइक रेट की बात नहीं करते। उन्होंने आगे कहा, "यह तब होता है जब आप देखते हैं कि आपने कितने रन बनाए कैसे बनाए। आप 200 की स्ट्राइक रेट से 20 रन बनाकर स्कोर कर सकते हैं या पहली गेंद पर छक्का माकर 300 की स्ट्राइक रेट हासिल कर सकते हैं और आउट हो जाते हैं, लेकिन क्या वह टेस्ट मैच में टीम की मदद कर सकता है। सीमित ओवर क्रिकेट के लिए स्ट्राइक रेट पर बहस ठीक है लेकिन टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं।" पुजारा की स्ट्राइक रेट भारतीय ड्रेसिंग रूम के लिए चिंता का कारण रही। हालांकि सुनील गावस्कर ने कहा, "इस पारी के साथ, उन्होंने कम से कम एक साल तक अपनी जगह पक्की कर ली है।"