पर्थ। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को कहा कि यहां दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन के साथ उनकी बहस के दौरान कोई अपशब्द नहीं कहे गए और ना ही निजी हमला किया गया। कोहली ने साथ ही कहा कि इस दौरान कोई सीमा भी नहीं लांघी गई। दूसरे टेस्ट में भारत को 146 रन से हार का सामना करना पड़ा और इस दौरान कोहली और पेन को शाब्दिक जंग में उलझते देखा गया। इसके बाद सोमवार को चौथे दिन के खेल के दौरान अंपयार क्रिस गफाने को दोनों को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। कोहली ने 2014 की टेस्ट श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाड़ियों के साथ तीखी बहस के संदर्भ में कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो 2014 की तुलना में यह कुछ भी नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक कि मैदान पर अपशब्द नहीं कहे जाते, कोई निजी हमला नहीं होता, सीमा नहीं लांघी जाती तब तक यह कोई दिक्कत नहीं।’’ कोहली ने पहली पारी में 123 रन बनाए लेकिन विवादास्पद कैच का शिकार बने। भारतीय कप्तान ने हालांकि इन सुझावों को खारिज कर दिया कि उन्होंने मैदानी अंपायर के आउट का इशारा करने पर नाखुशी जताई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि आउट होने पर मैंने कोई नाखुशी जताई। ऑस्ट्रेलिया ने हमारी तुलना में बेहतर खेल दिखाया और वे जीत के हकदार थे।’’ कोहली ने भारत को पछाड़ने का श्रेय ऑस्ट्रेलिया को देते हुए कहा कि बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे विशेषकर दूसरी पारी में।
दूसरे टेस्ट में भारत की विफलता का एक कारण सलामी बल्लेबाजों की नाकामी भी रही। भारत ने टेस्ट टीम में चोटिल पृथ्वी साव की जगह मयंक अग्रवाल को शामिल किया है लेकिन कोहली ने कहा कि वह सलामी बल्लेबाजों का समर्थन करेंगे। कोहली ने कहा, ‘‘हमने घोषणा नहीं की है कि हम नई सलामी जोड़ी के साथ उतरेंगे। आपको उनका समर्थन जारी रखना होगा और उन्हें बताते रहना होगा कि वे टीम का हिस्सा हैं और अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। यह किसी को व्यक्तिगत लक्ष्य देना नहीं है। यह उन्हें यह कहना है कि सलामी बल्लेबाजों से एक टीम के रूप में हमें यह दरकार है।’’
कोहली ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का बचाव किया
कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने के अपने फैसले का बचाव किया और साथ ही इस आलोचना को खारिज किया कि भारत ने स्पिनर को नहीं खिलाकर गलती की। दूसरे टेस्ट के दौरान टीम चयन का मुद्दा बहस का कारण बना रहा और चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का कोहली का फैसला भारत पर भारी पड़ गया और टीम को 146 रन से हार का सामना करना पड़ा। कोहली ने दूसरे टेस्ट में हार के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पहली पारी में विशेष तौर पर उस तरह का नियंत्रण नहीं बना पाए जैसा बनाना चाहते थे। लेकिन दूसरी पारी में निश्चित तौर पर हमने ऐसा किया, विशेषकर कल (चौथे दिन) पहले सत्र में, हमने सिर्फ 56 के आसपास रन दिए लेकिन विकेट नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बेहतरीन गेंदबाजी थी और बेशक मोहम्मद शमी ने अगले सत्र में गेंद से जो किया, वह देखना शानदार था। मुझे लगता है कि उन्होंने योजनाओं को 95 प्रतिशत तक लागू किया। मुझे लगता है कि आपको इससे निश्चत तौर पर खुशी होगी।’’ कोहली ने स्वीकार किया कि चार तेज गेंदबाजों को खिलाने से निचला क्रम कमजोर हो गया और पहली पारी में वे ऑस्ट्रेलिया की रन बनाने की गति पर जरूरी नियंत्रण नहीं रख पाए। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लंबे निचले क्रम के बावजूद उन्होंने स्पिनर को चुनने के बारे में नहीं सोचा।
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘बेशक आप दो स्थिति के बारे में सोच सकते हो। हम सभी को पता है कि आर अश्विन या रविंद्र जडेजा बेहतर बल्लेबाजी कर सकते हैं। यह काफी चुनौती भरा फैसला था- आप किस तरह के गेंदबाजी विकल्प के साथ उतरना चाहते हो या आप सोचते हो कि वह खिलाड़ी बल्ले से भी योगदान दे सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: आप एक फैसले पर पहुंचते हो। हमने इस फैसले का समर्थन किया और आगे बढ़े। इसने काम किया या नहीं, यह अलग चीज है लेकिन टीम में हम पूरी तरह से समझ रहे थे कि यह हमारा सर्वश्रेष्ठ संयोजन है और बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी।’’
यह पूछने पर कि पिच पर काफी घास होने के बावजूद भुवनेश्वर कुमार की जगह उमेश यादव को क्यों चुना गया, कोहली ने कहा, ‘‘भुवी ने हाल में काफी चार दिवसीय क्रिकेट नहीं खेला है और उमेश ने पिछले टेस्ट (वेस्टइंडीज के खिलाफ) में 10 विकेट चटकाए और वह अच्छी गेंदबाजी लय में था। यही कारण है कि हमने भुवी पर उमेश को तरजीह दी।’’
कोहली से जब यह पूछा गया कि अश्विन के उपलब्ध होने पर क्या वह स्पिनर को चुनते तो उन्होंने कहा कि वे इस विकल्प पर ‘विचार’ करते। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप देखो तो रफ से अधिक मदद नहीं मिली। यह गेंद की गति थी जिसके कारण नाथन लियोन को विकेट मिले।’’ कोहली ने कहा कि भारतीय बल्लेबाज 287 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। वह हालांकि इससे सहमत नहीं हैं कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से उन पर निर्भर है।