कप्तान एरॉन फिंच (110) और डेविड वॉर्नर (128) की रिकॉर्ड बल्लेबाजी के दमपर पहले वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम तीन वनडे मैचों की सीरीज में 0-1 की बढ़त बना ली। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.1 ओवर में 255 रनों का स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया बिना कोई विकेट गंवाए 37.4 ओवर में ही इसे पूरा कर लिया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मुकाबले में भारतीय टीम हर विभाग में फिसड्डी रही। बल्लेबाजी में शिखर धवन (74) और लोकेश राहुल (47) के अलावा और कोई भी बल्लेबाज अपने रंग में नजर नहीं आए जबिक गेंदबाजी में एक भी खिलाड़ी असरदार नहीं रहा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को मिली इस करारी हार के बाद आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख कारण-
बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग
पहले वनडे मैच में भारत की बल्लेबाजी क्रम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। इस मैच में कप्तान विराट कोहली चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे जबकि तीसरे नंबर पर लोकेश राहुल को भेजा गया।
हालांकि राहुल इस क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी कि लेकिन विराट कोहली सस्ते में आउट में हो गए जबकि इस फॉर्मेट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली का शानदार रिकॉर्ड रहा है।
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे कोहली इस मुकाबले में सिर्फ 16 रन ही बना सके। ऐसे में यह माना जा सकता है कि कोहली के बैटिंग नंबर के साथ हुए बदलाव के कारण भारत एक बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाई जिसकी वजह से टीम को हार को सामना करना पड़ा।
ऐसे में दूसरे वनडे मुकाबले में भारतीय टीम मैनेजमेंट इस पर जरूर विचार करना चाहेगी।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे बिखरा भारतीय मध्यक्रम
रोहित शर्मा (10) के जल्दी आउट होने के बाद शिखर धवन और केएल राहुल ने भारतीय पारी को मजबूती से संभाला और दोनों के बीच 121 रनों की साझेदारी हुई। केएल राहुल महज तीन रन से अपना अर्द्धशतक बनाने से चूक गए लेकिन दूसरी छोड़ पर धवन ने मोर्चा संभाले रखा और वनडे में अपना 28वां अर्द्धशतक पूरा कर 74 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद कप्तान कोहली मैदान पर बल्लेबाजी के लिए आए। कोहली ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ जरूर एक-दो आकर्षक शॉट लगाए लेकिन एडम जम्पा ने उन्हें अपनी फिरकी फंसा कर अपने ही गेंद पर कोहली का कैच लपका और उन्हें चलता कर दिया।
कोहली के बाद अब सारी उम्मीदें मध्यक्रम में श्रेयस अय्यर (4) और ऋषभ पंत (28) थी लेकिन कोहली के आउट होते ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का मनोबल मानों सातवें स्थान पर पहुंच गया।
यहां से मिचेल स्टार्क(3 विकेट), पैट कमिंस (2 विकेट)और केन रिचर्डसन (2 विकेट) की तिकड़ी ने भारत के एक भी बल्लबाजों को जमने का मौका नहीं दिया। हालांकि बीच में पंत और रवींद्र जडेजा के बीच जरूर एक छोटी सी साझेदारी पनपी लेकिन दोनों ही बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे। अंत में शार्दुल ठाकुर (13), मोहम्मद शमी (10) और कुलदीप यादव (17) ने मिलकर टीम के स्कोर को किसी तरह 255 रनों तक पहुंचाया।
भारतीय गेंदबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
मौजूदा समय में भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को सबसे मजबूत माना जाता है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई वनडे में वह पूरी तरह से नाकाम रहा। 37.4 ओवर की गेंदबाजी में भारत का एक भी गेंदबाज विकेट नहीं ले पाया।
इस फॉर्मेट के नंबर एक गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी अपने लय में नजर नहीं आए और उन्होंन अपने 7 ओवर में 50 रन लुटा दिए। वहीं मोहम्मद शमी ने 7.4 ओवर की गेंदबाजी में 58 रन खर्च किए। शार्दुल ठाकुर भी काफी महंगे साबित रहे। उन्होंने 5 ओवर की गेंदबाजी में 43 रन दिए।
इसके अलावा कुलदीप यादव ही एकमात्र ऐसे भारतीय गेंदबाज रहें जिन्होंने अपना स्पेल पूरा किया। कुलदीप के 10 ओवर में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने 55 रन बनाए जबकि रवींद्र जडेजा ने अपनी 8 ओवर गेंदबाजी में 41 रन दिए।