मेलबर्न: भारत ने जीत की राह पर लौटने की कवायद में बुधवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रहे तीसरे ‘बाक्सिंग डे’ टेस्ट के लिए मयंक अग्रवाल और हनुमा विहारी की युवा सलामी जोड़ी को जिम्मेदारी सौंपी है। पर्थ में दूसरे टेस्ट में 146 रन की हार के बाद भारत को इसकी समीक्षा करने के लिए एक हफ्ते का ब्रेक मिला और टीम ने खराब फॉर्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाजों लोकेश राहुल और मुरली विजय को आखिरकार प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया।
कप्तान विराट कोहली के पास ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को खिलाने का विकल्प था लेकिन उन्होंने दोबारा फिट हो चुके रोहित शर्मा को अतिरिक्त बल्लेबाज के रूप में खिलाने का फैसला किया।
भारतीय टीम प्रबंधन ने परंपरा से हटते हुए मैच से एक दिन पूर्व ही अपनी प्लेइंग इलेवन की घोषणा कर दी जिससे टीम के संभावित संयोजन को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी खत्म हो गई। राहुल बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और मौजूदा सीरीज की चार पारियों में केवल 48 रन बना पाए हैं जिसमें एडीलेड में दूसरी पारी में बनाए 44 रन भी शामिल हैं।
इस साल विदेशों में खेलते हुए उनका औसत 20.94 तक गिर गया है और इस दौरान वह नौ टेस्ट में सिर्फ एक बार अर्धशतक जड़ने में सफल रहे। विजय भी इससे कुछ खास नहीं कर पाए हैं। वह मौजूदा सीरीज की चार पारियों में सिर्फ 49 रन बना पाए हैं। पर्थ में उन्होंने दूसरी पारी में 20 रन बनाए जो मौजूदा दौरे पर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। कुल मिलाकर 2018 में आठ टेस्ट में उनका औसत सिर्फ 18.80 रहा है जिसमें अफगानिस्तान के खिलाफ एक शतक भी शामिल है।
अफगानिस्तान के खिलाफ शतक को हटा दिया जाए तो विजय का सर्वश्रेष्ठ स्कोर इस साल 46 रन है जो उन्होंने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में बनाया। मौजूदा साल में विदेशों में उनका औसत सात टेस्ट में 12.64 ही है। ये स्कोर दर्शाते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में नई गेंद के गेंदबाजों के लिए ये दोनों आसान शिकार बन गए थे।
मेलबर्न में मौजूद चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने संकेत दिए हैं कि पृथ्वी शॉ के चोटिल होने के कारण विहारी कामचलाऊ समाधान हैं। अग्रवाल ने हालांकि टीम में जगह घरेलू स्तर और भारत ए की ओर से शानदार प्रदर्शन की बदौलत बनाई है। विहारी आंध्र की ओर से तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। वह हालांकि फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत में हैदराबाद के लिए पारी का आगाज कर चुके हैं। उनके पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी मिलने से जाहिर है कि उन्होंने अब तक अपने दो टेस्ट में टीम प्रबंधन को प्रभावित किया है और यही कारण है कि उन्हें मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड के खिलाफ जिम्मेदारी सौंपी गई है।
टीम मैनेजमेंट की इस रणनीति से एक बार फिर सभी की नजरें रोहित शर्मा पर टिकी होंगी जिन्हें फिर मध्यक्रम में मौका दिया जा रहा है। इससे पहले टीम प्रबंधन रोहित को प्लेइंग इलेवन में मौका देने के लिए चेतेश्वर पुजारा (सिडनी में 2014 में) को टीम से बाहर कर चुका है जबकि कोलंबो में 2015 में अजिंक्य रहाणे जबकि सेंट लूसिया में 2016 में कप्तान विराट कोहली तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। रोहित हालांकि टेस्ट क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। एडिलेड में पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत के 250 रन में उन्होंने 37 रन की आक्रामक पारी खेली थी।
भारत ने तीसरा बदलाव अपने गेंदबाजी आक्रमण में किया है। पर्थ में गेंदबाजी में खराब संतुलन के बाद टीम में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के साथ स्पिनर के रूप में बायें हाथ के गेंदबाज रविंद्र जडेजा को शामिल किया गया है। जडेजा कंधे की जकड़न से उबर चुके हैं और वह टीम में उमेश यादव की जगह लेंगे। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के पेट की मांसपेशियों में खिंचाव से उबरने में नाकाम रहने के बाद जडेजा को प्लेइंग इलेवन में जगह मिली है।
ऑस्ट्रेलिया ने भी प्लेइंग इलेवन में एक बदलाव करते हुए खराब फॉर्म से जूझ रहे पीटर हैंड्सकोंब की जगह आलराउंडर मिशेल मार्श को मौका दिया है। एमसीजी की सपाट पिच को ध्यान में रखते हुए मेजबान टीम ने यह बदलाव किया है। पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड के खिलाफ ड्रॉ के बाद आईसीसी ने पिच को ‘खराब’ रेटिंग दी थी। तीसरे टेस्ट के लिए पिच पर घास छोड़ी गई है और दोनों टीमों ने विकेट में नमी होने की बात भी कही है।
भारत (प्लेइंग इलेवन): विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह।
ऑस्ट्रेलिया (प्लेइंग इलेवन): टिम पेन (कप्तान), मार्कस हैरिस, आरोन फिंच, उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड, शान मार्श, मिशेल मार्श, नाथन लियोन, मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड।