सिडनी। लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने से किसी भी गेंदबाज की लय बिगड़ सकती है और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर सिंह को यह सबक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में मिला जिसमें उन्होंने 66 रन दे डाले। टेस्ट टीम का हिस्सा रहे भुवनेश्वर को चार मैचों की श्रृंखला में अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली। वह पहले वनडे में लय में नहीं दिखे।
यह पूछने पर कि एक महीने तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेलने का असर हुआ है क्या, उन्होंने कहा, ‘‘इसका असर मेरी लय पर पड़ा है। मैच लय गेंदबाजी में बिल्कुल अलग होती है। मैं नेट्स पर लय में गेंदबाजी की कोशिश कर रहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैच हालात से तुलना करने पर यह सौ फीसदी नहीं हो सकती। सिडनी में वह मैच लय नहीं थी लेकिन उतना बुरा भी नहीं था। यह बेहतर हो जायेगी।’’ एक महीने से भुवनेश्वर काफी मेहनत कर रहे थे ताकि मैच लय हासिल कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘मैने लय में रहने के लिये पूरी कोशिश की। नेट्स पर मैं वनडे में गेंदबाजी का अभ्यास नहीं कर रहा था बल्कि टेस्ट के हिसाब से अभ्यास था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सामान्य गेंदबाजी कर रहा था और ओवर बढाता जा रहा था। शुरूआत में चार, फिर छह, फिर आठ और फिर दस ओवर।’’ भुवनेश्वर ने कहा कि श्रृंखला के दौरान वह सौ फीसदी फिट नहीं थे लेकिन फिलहाल चोटमुक्त हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिट था लेकिन सौ फीसदी नहीं। टेस्ट मैच पांच दिन के होते हैं और मुझे नहीं पता था कि मैं पांच दिन खेल पाउंगा या नहीं। अच्छी बात यह थी कि हमारे पास गेंदबाज थे जो मेरी जगह ले सकते थे और मुझे सौ फीसदी फिट होने का समय मिला।’’ भुवनेश्वर ने यह भी कहा कि अंबाती रायुडू के एक्शन को संदिग्ध करार दिये जाने को लेकर टीम प्रबंधन चिंतित नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि एम एस धोनी को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने की कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं धोनी को कहां बल्लेबाजी करते देखना चाहता हूं। अहम यह है कि टीम प्रबंधन क्या चाहता है। वह एक से दस तक कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। उनसे जहां भी कहा जाता है, वह अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’’