नयी दिल्ली: अफ़ग़ानिस्तान के स्पिनर राशिद ख़ान क्रिकेट की दुनियां में अपनी गुगली को लेकर मिस्ट्री बनते जा रहे हैं. IPL में 21 विकेट लेकर दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ राशिद ख़ान ने बांग्लादेश के खिलाफ़ पहले दो मैचों में कहर बरपा कर अपनी टीम को टेस्ट खेलने वाली टीम के खिलाफ़ सिरीज़ जितवा दी. उन्होंने दो मैचों में 7 विकेट लिए हैं. अभी एक और मैच खेला जाना बाक़ी है.
बहरहाल, आलम ये है कि 14 जून से भारत के ख़िलाफ़ शुरु होने वाले टेस्ट को लेकर अफग़ानिस्तान के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ शफ़ीक़ुल्लाह ने कहा है कि उन्हें इस टेस्ट का इंतज़ार है. यानी हाल ही की सफलताओं से अफ़ग़ानिस्तान के हौंसले इतने बुलंद हैं कि उसे ICC टेस्ट रैंकिंग की नंबर दो टीम इंडिया के ख़िलाफ़ भी जीत की संभावनाएं नज़र आ रही हैं वो भी इंडिया के घर में. ज़ाहिर है इनके आत्मविश्वास के पीछे उनके स्पिनर्स ख़ासकर राशिद ख़ान हैं. लेकिन ऐसा नहीं कि अफ़ग़ानिस्तान के पास सिर्फ़ एक ही राशिद ख़ान हो. उनके अलावा मिस्ट्री स्पिनर मुजीब-उर-रहमान भी है जो तेज़ी से विश्व क्रिकेट में अपना प्रभाव छोड़ रहे है.
राशिद ख़ान की गुगली को पढ़ना आसान नहीं
ओपनर शिखर धवन कलाई से स्पिन करने वाले बॉलरों के ख़िलाफ़ संघर्ष करते नज़र आए हैं. ख़ुद उन्होंने स्वीकार किया है कि कुलदीप यादव को खेलना मुश्किल होता है. आपको बता दें कि कुलदीप भी गुगली मारते हैं और उन्हें इसमें सफलता भी मिलती है. दूसरी तरफ राशिद ख़ान भी रिस्ट स्पिनर हैं जिनकी गुगली को पढ़ना आसान नहीं होता. दूसरी बात ये है कि कुलदीप की तुलना में राशिद की गुगली को समझना ज़्यादा मुश्किल होता है क्योंकि उनका हाथ कहीं ज़्यादा तेज़ी से घूमता है जिसकी वजह से बल्लेबाज़ों को उनकी गुगली पढ़ने का वक़्त ही नहीं मिलता.धवन की 29 टेस्ट मैचों की 49 पारियों पर नज़र डाले तों तेज़ गेंदबाज़ों ने उन्हें 28 बार आउट किया है जबकि स्पिनरों के वे 20 बार शिकार बने हैं. दाएं हाथ के स्पिनरों ने उन्हें 15 बार आउट किया है.
चेतेश्वर पुजारा से काफ़ी उम्मीद होगी लेकिन...
कोहली की ग़ैरहाज़िरी में चेतेश्वर पुजारा से काफ़ी उम्मीद होगी क्योंकि उन्हें 57 टेस्ट मैचों का अनुभव है. लेकिन पुजारा को भी स्पिनरों ने परेशान किया है. वह 33 बार स्पिनरों के शिकार बने हैं और इसमें से 27 बार दाएं हाथ के स्पिनरों ने उनका विकेट चटकाया है. दूसरे अनुभवी बल्लेबाज़ हैं मुरली विजय जो संभवत: धवन के साथ पारी की शुरुआत करेंगे. मुरली 56 टेस्ट की 96 पारियों में 62 बार तेज़ गेंदबाज़ों के शिकार बने हैं जबकि 31 बार स्पिनरों ने उन्हें आउट किया है. 18 बार दाएं हाथ के स्पिनरों ने उन्हें पवैलियन की राह दिखाई है.
इसी तरह लोकेश राहुल को 23 टेस्ट की 37 पारियों में फ़ास्ट बॉलरों ने 22 बार आउट किया जबकि वह 13 बार स्पिनरों के निवाला बने हैं. इसमें 8 बार दाएं हाथ के स्पिनरों का योगदान रहा है. इस मैच में कप्तानी करने वाले अजंक्य रहाणे को 75 पारियों में 31 बार तेज़ गेंदबाजों ने और 35 बार स्पिनरों ने आउट किया है. इसमें दाएं हाथ के स्पिनरों ने 23 बार चलता किया है. दिनेश कार्तिक को 27 पारियों में 24 बार फ़ास्ट और 11 बार स्पिनरों ने आउट किया है.
अफ़ग़ानिस्तानी बल्लेबाज़ों को बनाना होगा बड़ा स्कोर
ये तो तय है कि अफ़ग़ानिस्तान की टीम में कई स्पिनर हैं और वो भारतीय बल्लेबाज़ो पर दबाव डालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इस बात की पूरी संभावना है कि अफगानिस्तान के गेंदबाज विकेट खरीदें. वैसे अक़्सर स्पिनर विकेट ख़रीदते ही हैं यानी बल्लेबाज़ को लालच देकर फंसाते हैं. लेकिन इसके लिए ज़रुरी है कि वह टीम बोर्ड पर ठीकठाक स्कोर लगाए तभी स्पिनर्स कुछ पिटाई खाकर विकेट ख़रीद सकते हैं. इसके लिए ज़रुरी है कि अफगानिस्तान के बल्लेबाज़ भारतीय गेंदबाजों का सामना कर डटकर खेलें जो उनके लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें दुनिया की सबसे मज़बूत टीम के खिलाफ उन्हीं के घर पर खेलना है. उसके पास राशिद ख़ान और मुजीब-उर-रहमान जैसे स्तरीय गेंदबाज़ तो हैं लेकिन बल्लेबाज़ों के बारे में ये बात नहीं की जा सकती.
टीम: अजंक्या रहाणे (कप्तान), चेतेश्वर पुजारा, शिखर धवन, मुरली विजय, लोकेश राहुल, करुण नायार, आर. अश्विन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, हार्दिक पंड्या, ईशांत शर्मा, शर्दुल ठाकुर, दिनेश कार्तिक.