एजबेस्टन में खेले गए 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 31 रनों से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। भारतीय कप्तान विराट कोहली की शतकीय और अर्धशतकीय पारी भी टीम इंडिया के काम नहीं आई। कोहली दूसरे छोर से समर्थन न मिलने के कारण अपनी टीम को काफी प्रयासों के बाद भी जीत नहीं दिला पाए। भारत भले ही सीरीज 0-1 से पिछड़ चुका है लेकिन अब लॉर्ड्स में उसकी कोशिश होगी सीरीज में वापसी करने की। लॉर्ड्स में टीम इंडिया को किस तैयारी के साथ उतरना चाहिए इसी पर इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो 'क्रिकेट की बात' में भारतीय टीम को अहम टिप्स दिए।
बल्लेबाजों ने गेंदबाजों की मेहनत पर पानी फेरा
बल्लेबाजों ने अच्छा किया होता तो हम सीरीज में 1-0 से आगे होते। अश्विन, ईशांत और कोहली के अलावा बाकी 8 खिलाड़ियों में कोई कॉन्फिडेंस नहीं होगा। 3 खिलाड़ियों के दमपर मैच हम जीत नहीं सकते। मैच 11 खिलाड़ियों के साथ जीता जाता है। टीम मैनेजमेंट को बल्लेबाजों के साथ बातचीत करनी होगी। कोहली अकेले टिके रहे तभी मैच नहीं जिता पाएंगे। बाकी बल्लेबाजों को उनका साथ देना होगा।
बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट है लॉर्ड्स में
लॉर्ड्स में मैसम गर्म रहता है तो बल्लेबाजी के लिए विकेट अच्छा रहता है। भारतीय बल्लेबाजों को इस मौके को भुनाना होगा । गेंद बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए पड़ने के बाद अंदर जाती है। वहीं, दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए पड़ने के बाद बाहर जाती है। इस बात का खास ध्यान रखना होगा। लॉर्ड्स में भारतीय टीम का रिकॉर्ड अच्छा है पिछली बार हम वहां टेस्ट मैच जीते थे। इंग्लैंड भी डरा हुआ होगा कि भारतीय गेंदबाजों को अच्छा विकेट मिला तो वो इंग्लैंड को तंग करेंगे इसलिए वो भी बैटिंग को फेवर करने वाला विकेट देंगे।
टीम में बदलाव की जरूरत
सहवाग ने कहा कि मैं चेतेश्वर पुजारा को अपनी प्लेइंग इलेवन में रखता हूं लेकिन के एल राहुल को आपने एक मैच खिलाया है तो उसे अगले मैच में खिलाना चाहिए नहीं तो उनके कॉन्फिडेंस पर असर पड़ेगा। अगर लॉर्ड्स में के एल राहुल फ्लॉप हुए तो आप तीसरे टेस्ट में पुजारा को लेकर आएं।
टीम मैनेजमेंट खिलाड़ियों से बात करे
संजय बांगर, रवि शास्त्री और भरत अरूण को खिलाड़ियों से बात करनी होगी। जो पीछे चला गया भूल जाएं। अगले टेस्ट पर ध्यान दें। पिछली नाकामी को ध्यान में रखेंगे तो बल्लेबाजों के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। टीम मैनेजमेंट को बल्लेबाजों को समझना होगा। उन्हें मोटिवेट करना होगा ताकि वो फ्रेश होकर मैच के लिए अपने आप को तैयार करें। 2011 में हम इंग्लैंड में 4 टेस्ट हारे। फिर ऑस्ट्रेलिया में 4-0 से हारे। उस समय हमारा कॉन्फिडेंस बहुत नीचे चला गया था इसलिए इस टीम के साथ ऐसा ना हो इसके लिए उन्हें तैयार करना होगा।