भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने मंगलवार को युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ सहित तीन खिलाड़ियों को डोपिंग का दोषी पाए जाने के चलते सस्पेंड कर दिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से दी गई जानकारी में यह कहा गया है कि शॉ ने अनजाने में एक प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर लिया था, जो आमतौर पर खांसी की दवाई (सीरप) में पाया जाता है।
बीसीसीआई ने कहा, "पृथ्वी शॉ ने इंदौर में 22 फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान बीसीसीआई के डोपिंग रोधी परीक्षण कार्यक्रम के दौरान यूरीन सैंपल दिया था। उनके नमूने में ‘टर्ब्यूटलाइन’ पदार्थ की मात्रा पाई गई है। यह पदार्थ विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल है।"
16 जुलाई को पृथ्वी शॉ पर बीसीसीआई के डोपिंग रोधी नियम अनुच्छेध 2.1 के तहत डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन (एडीआरवी) कमिशन का आरोप लगाया गया और अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। इस मामले में पृथ्वी शॉ ने आरोप को स्वीकार किया है, लेकिन उनका कहना है कि यह उन्होंने अनजाने में किया था। उन्हें उनके चिकित्सक ने एक दवा के सेवन के लिए कहा था, जिसमें यह प्रतिबंधित पदार्थ शामिल था।
बता दें कि हिप इंजरी से उरब रहे पृथ्वी शॉ को 8 महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। हालांकि शॉ का सस्पेंशन मार्च से लागू होगा। शॉ का सस्पेंशन 16 मार्च 2019 से 15 नवंबर 2019 मिड नाइट तक लागू रहेगा।
बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, ‘पृथ्वी शॉ की पुष्टि से सहमत होकर बोर्ड ने उन्हें आठ माह के लिए निलंबित किया है। यह निलंबन 16 मार्च 2019 से शुरू हो रहा है और 15 नवंबर को समाप्त होगा।’ पृथ्वी शॉ के अलावा घरेलू क्रिकेट में राजस्थान के लिए खेलने वाले दिव्या गजराज और विदर्भा के लिए खेलने वाले अक्षय डुल्लरवार को भी 8 महीने के लिए सस्पेंड किया है।