पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय खिलाड़ियों की मानसिक मजूबूती पर सवाल उठाए हैं। गौतम गंभीर का मानना है कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों में मुश्किल हालात में दबाव से निपटन के लिए 'मानसिक मजबूती' की कमी है। गंभीर को लगता है कि जब तक भारतीय खिलाड़ी विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खुद को साबित नहीं करते हैं तब तक वे खुद को वर्ल्ड चैंपियन नहीं कह सकते।
भारत ने 1983 और 2011 में दो बार वनडे विश्व कप जीता था लेकिन टूर्नामेंट के चार संस्करणों में सेमीफाइनल स्टेज में बाहर हो गया था। इसमें 2015 और 2019 के आखिरी दो वर्ल्ड कप शामिल हैं। हालांकि भारत 2007 में पहला T20 वर्ल्ड कप जीतने में सफल रहा था।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के ‘क्रिकेट कनेक्टिड’ शो में कहा, ‘‘टीम में एक अच्छे खिलाड़ी और एक बहुत अच्छे खिलाड़ी के बीच में से क्या चीज आपको अलग करती है, वह है कि आप महत्वपूर्ण मैचों में कैसा करते हो। मुझे लगता है कि शायद हम दबाव से अच्छी तरह से नहीं निपट पाते जबकि अन्य टीमें दबाव से अच्छी तरह निपट लेती हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप सभी सेमीफाइनल और फाइनल को देखो तो इसमें दिखता है कि जब आप लीग स्टेज में काफी अच्छा खेलते हो तो सेमीफाइनल या नाकआउट में इतना अच्छा नहीं खेलते, यह शायद आपकी मानसिक मजबूती ही है।’’
बता दें, साल 2011 में वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारत तब तक खुद को वर्ल्ड चैम्पियन नहीं कह सकता जब तक वे खुद इसे साबित नहीं करते।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बात कर सकते हैं कि हमें सब कुछ मिल गया, हममें वर्ल्ड चैम्पियन बनने की काबिलियत है लेकिन जब तक आप क्रिकेट के मैदान पर जाकर साबित नहीं करते, आपको वर्ल्ड चैम्पियन नहीं कहा जायेगा।’’
गंभीर ने भारत की ओर से 58 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए। इसमें 9 शतक शामिल हैं। वहीं, उन्होंने 147 वनडे 39.68 की औसत से 5238 रन बनाए। गंभीर की 97 रनों की ऐतिहासिक पारी की बदौलत भारत 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब जीतने में सफल रहा था।