सिडनी| पहले वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जिस तरह की एक तरफ हार सौंपी उसकी उम्मीद तो किसी ने नहीं की थी। उम्मीदें तेज गेंदबाजी आक्रमण से थी लेकिन मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने रनों की बरसात करते हुए मेहमान टीम के खिलाफ वनडे में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया। लक्ष्य इतना विशाल था कि भारत का मजबूत बल्लेबाजी क्रम भी इस पहाड़ को पार नहीं कर सका। अब रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया दूसरे वनडे मैच में उतरेंगी। जाहिर है ऑस्ट्रेलिया एक और दमदार जीत हासिल करते हुए सीरीज में अजेय बढ़त लेना चाहेगी और भारत गलतियों को पीछे छोड़ सुधार कर सीरीज बराबर करना चाहेगा।
लेकिन क्या भारत के लिए गलतियां सुधारना आसान होग? स्थिति मुश्किल है और इस बात को कप्तान विराट कोहली ने भी मैच के बाद माना। मैच में भी और मैच के बाद कोहली के बयान से एक बार साफ हो गया कि लंबे अंतराल के बाद 50 ओवरों का मैच खेलने उतरी भारती टीम अभी वनडे प्रारूप में रमी नहीं है। आईपीएल में खेलने वाले भारतीय दिग्गज टी-20 की जमीन पर हैं। दूसरे वनडे से पहले एक दिन में क्या कोई चमत्कार होता है और टीम वनडे की लय में आती है या नहीं, यह देखना बड़ी दिलचस्प होगा।
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दूसरी कमी, गेंदबाजों का लचर प्रदर्शन और विकल्प की कमी। डेविड वार्नर और एरॉन फिंच ने शुरुआत में सावधानी से बल्लेबाजी की, लेकिन जैसे ही लय पकड़ी तो गेंदबाजों की धुनाई भी की। स्टीव स्मिथ और आईपीएल में रनों के जूझने वाले ग्लैन मैक्सवेल ने भी आक्रामक अंदाज में रन बटोरे।
भारत के हर गेंदबाज ने रन लुटाए। पांच मुख्य गेंदबाजों में से चार ने तो कोटे के 10 ओवरों में 60 से ज्यादा रन दिए। यह वनडे में दूसरा मौका था जब भारत के चार गेंदबाजों ने कोटे के 10 ओवर पूरे किए और 60 या उससे ज्यादा रन दिए। सिर्फ मोहम्मद शमी ही बचे थे। वह भी एक रन दूर थे। उन्होंने 59 रन लुटाए।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) की फ्लैट पिच पर कोहली के गेंदबाज जब रन लुटा रहे थे तब उनके पास छठे गेंदबाज का विकल्प नहीं था। न कोई पार्ट टाइम गेंदबाज। मैच के बाद कोहली ने भी पार्ट टाइमर गेंदबाजों की कमी पर जोर दिया था।
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हार्दिक पांड्या इस समय गेंदबाजी नहीं कर सकते हैं और इसलिए कोहली के लिए चिंता है और पहले मैच के बाद तो इसका निवारण करना होगा, लेकिन रास्ता दिख नहीं रहा है।दूसरा मैच भी एससीजी पर है। आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिर बड़ा स्कोर टांग दे इस बात से हैरानी नहीं होनाी चाहिए।
बल्लेबाजों ने थो फिर भी ठीक किया था। शिखर धवन और मयंक अग्रवाल ने पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े थे जो अच्छी शुरुआत कही जा सकती है, लेकिन शुक्रवार को भारत को 375 रनों का लक्ष्य मिला था जिस देखते हुए यह शुरुआत कुछ भी नहीं।
धवन और हार्दिक के अलावा कोई और बल्लेबाज चला नहीं था। कोहली और श्रेयस अय्यर को जल्दी लौट लिए थे। जाहिर तौर पर बल्लेबाजों पर विशाल लक्ष्य का दबाव साफ दिख रहा था।
भारत अगर पहले बल्लेबाजी करता है तो वह भी एक बड़ा स्कोर बना सकता है, लेकिन गेंदबाज बचाव कर पाएं इस पर सिर्फ शक होता है। मेजबान टीम ने तो पहले ही मैच में भारत की कलई खोल दी और अब वह दूसरे मैच में पहले से ज्यादा ताकतवर होकर उतरेगी, आत्मविश्वास के साथ।
फिंच, वार्नर, स्मिथ तीनों ने मिलकर 288 रन बनाए थे। मैक्सवेल ने 19 गेंदों पर 45 रन जड़े थे। गेंदबाजी में एडम जाम्पा और जोश हेजलवुड ने कुल सात विकेट बांटे थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरफनमौला खिलाड़ियों के विकल्प ज्यादा हैं और यही उसे इस सीरीज में भारत से मजबूत बनाती है। घर में खेलने का फायदा भी उसे मिल रहा है।
भारत अपनी पिछले मैच की गलतियों को कैसे सुधारता है यह बड़ी पहेली है। उसके पांच के पांच मुख्य गेंदबाज अच्छा करते हैं तो ही कुछ उम्मीद नजर आती है या फिर टॉस जीतकर भारत बल्लेबाजी करे और कोहली की सेना फ्लैट विकेट पर रनों का पहाड़ लगाए तब जीत की उम्मीद बंध सकती है।
टीमें :-
भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, शुभमन गिल, लोकेश राहुल (उप-कप्तान/विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, मयंक अग्रवाल, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी, शार्दूल ठाकुर, संजू सैमसन (विकेटकीपर)।
ऑस्ट्रेलिया : एरॉन फिंच (कप्तान), स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर, डी आर्की शॉर्ट, मार्नस लाबुशैन, एश्टन टर्नर, एश्टन एगर, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पीटक हैंड्सकॉम्ब, पैट कमिंस, जोश हेजलवुड, मिशेल स्टार्क, एडम जाम्पा, एंड्रयू टाई।
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