नागपुर: दक्षिण अफ्रीका और भारत जब कल से यहां जामथा पर शुरू हो रहे तीसरे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में एक दूसरे के आमने सामने होंगे तो विदेशी सरजमीं पर 14 टेस्ट श्रृंखलाओं में से 10 जीतने वाली दक्षिण अफ्रीका के नौ साल से चले आ रहे विजय अभियान पर मेजबान टीम नकेल कसने उतरेगी।
श्रीलंका के हाथों 2006 में मिली 0-2 से हार के बाद दक्षिण अफ्रीका ने विदेशी सरजमीं पर एक भी श्रृंखला नहीं गंवाई है। उसने 2008-09 और 2012-13 में आस्ट्रेलिया को हराया।
इसके बाद इंग्लैंड (2008), वेस्टइंडीज (2010), न्यूजीलैंड (2011-12), पाकिस्तान (2007-08), श्रीलंका (2014), बांग्लादेश (2007-08) और जिम्बाब्वे (2007-08) को मात दी।
मौजूदा श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका 0-1 से पीछे है। भारत में 2007-08 और 2009-10 में खेली गई टेस्ट श्रृंखलाओं में दक्षिण अफ्रीका को जीत नहीं मिली। दोनों बार श्रृंखला 1-1 से ड्रा रही।
इसके अलावा 2010-11 में पाकिस्तान के खिलाफ यूएई में श्रृंखला 0-0 से ड्रा रही जबकि इंग्लैंड के खिलाफ 2009-10 की श्रृंखला 1-1 से ड्रा रही और बांग्लादेश के खिलाफ इस साल 0-0 से ड्रा रही।
भारत के पांच बार के दौरे पर दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ एक टेस्ट जीता है जो 1999-2000 में हैंसी क्रोन्ये की कप्तानी में जीता था। इससे पहले 1996-97 में उसे तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला में 1-2 से पराजय झेलनी पड़ी।
वहीं 2004-05 में दो टेस्ट की श्रृंखला उसने 0-1 से गंवाई। फिर 2007-08 और 2009-10 में श्रृंखलायें ड्रा रही।