पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने भारत के हर एक नागरिक को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ हर कोई इस नापाक हरकत के लिए पाकिस्तान की निंदा कर रहा है वहीं कई लोगों ने इस हादसे में शहीद हुए जवाने के परिवार के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।
पाकिस्तान की इन्हीं नापाक हरकतों की वजह से भारत पिछले कई समय से द्वीपक्षिय सीरीज नहीं खेल रहा है और अब इस हमले के बाद कई भारतीय दिग्गजों का कहना है कि भारत को वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान से मैच नहीं खेलना चाहिए। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये संभव है कि भारत वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से मैच खेलने के लिए इनकार कर सकता है?
जी हां ऐसा संभव है। वर्ल्ड कप में चार बार ऐसी घटना हो चुकी है जब किसी देश की टीम ने दूसरे देश की टीम के साथ मैच खेलने से इनकार कर दिया था। आइए जानते हैं इनके बारे में-
ऑस्ट्रेलिया बनाम श्रीलंका (1996 वर्ल्ड कप)
1996 के इस वर्ल्ड कप की मेजबानी संयुक्त रूप से भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के हाथों में थी। वर्ल्ड कप से तकरीबन एक महीने पहले श्रीलंका में गृहयुद्ध चल रहा ता जिस वजह से वहां एलटीटीई द्वारा लगातार घातक बमबारी की जा रही थी। इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया ने उस वर्ल्ड कप में श्रीलंका से मैच खेलने से इनकार कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले के बाद श्रीलंका को वॉकओवर की वजह से 2 पॉइंट मिल गए थे।
वेस्टइंडीज बनाम श्रीलंका (1996 वर्ल्ड कप)
इसी वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज की टीम ने भी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मेजबान श्रीलंका से मैच खेलने से इनकार कर दिया था। इस बार भी श्रीलंकाई टीम को वॉकओवर की वजह से 2 पॉइंट मिल गए थे।
इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे (2003 वर्ल्ड कप)
इस वर्ल्ड के के दौरान जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट गहराया हुआ था। तभी इंग्लैंड की टीम ने खिलाड़ियों की सुरक्षाय को देखते हुए जिम्बाब्वे से खेलने से इनकार कर दिया था। इंग्लैंड के मैच खेलने से मना करने के बाद जिम्बाब्वे को 4 अंक मिल गए थे और इंग्लैंड 12 अंकों के साथ नॉकआउट मैचों के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही, जबकि जिम्बाब्वे की टीम 14 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर रही और नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही, जहां पर वो नॉकआउट के सभी मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
न्यूजीलैंड बनाम केनिया (2003 वर्ल्ड कप)
इसी वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड ने भी केनिया से मैच खेलने से मना कर दिया था। बता दें, आतंकी हमले की आशंका को मद्देनजर रखते हुए न्यूजीलैंड ने यह फैसला लिया था। मैच खेलने से इनकार करते हुए न्यूजीलैंड बोर्ड ने कहा था उनके लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे पहले है, बाकी सब चीजें बाद में हैं।