भारतीय कप्तान से सेना में लेफ्टिनेंट बने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कश्मीर में पहली बार आतंवाद का खात्मा करने वाली यूनिट में ट्रेनिंग लेंगे। जिसमें वो पैरा कमांडो के साथ 15 दिन ड्यूटी करेंगे और स्वतंत्रता दिवस भी वही बनाएंगे।
ऐसे में माना जा रहा है कि हमेशा क्रिकेट किट को उठा कर चलने वाले धोनी अब 19 किलो के अस्त्र-शस्त्र उठाकर चलेंगे। पैरा कमांडो की मिली जुली यूनिट में देश भर से आए 700 सैनिक है। जिसमें गोरखा, सिख, राजपूत, जाट जैसी सभी रेजीमेंट के सैनिक शामिल हैं। यहां धोनी को दिन-रात दोनों शिफ्टों में ड्यूटी करनी होगी।
अपनी ट्रेनिंग के दौरान धोनी ऑफिसर्स मैस की जगह 50-60 सैनिकों के साथ बैरक में ही रहेंगे। ऐसा धोनी खुद चाहते थे। वे सैनिकों के लिए बने क्यूबिकल में ही नहाएंगे। स्वादिष्ट बटर चिकन के लिए जानी जाने वाली इस बटालियन में हफ्ते में तीन दिन धोनी को चिकन मिलेगा। बता दें कि 2011 में धोनी को टेरिटोरियल आर्मी का लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया था।
इस ट्रेनिंग में धोनी कई तरह की गतिविधि करेंगे, जो इस प्रकार है-
1. गार्ड ड्यूटी: धोनी को बतौर गार्ड यूनिट की रखवाली का काम मिलेगा। यह काम 4-4 घंटे की दो शिफ्ट में होगा। यह दिन और रात, दोनों तरह की ड्यूटी है। दिन की ड्यूटी पर धोनी काे सुबह 4 बजे उठना होगा। रात की ड्यूटी होने पर उन्हें सुबह जल्दी उठने से छूट मिलेगी।
2. गश्त: श्रीनगर के बादामी बाग कैंट एरिया में धोनी 8-10 सैनिकों के दस्ते में गश्त करेंगे। उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट, एके-47 राइफल और 6 ग्रेनेड दिए जाएंगे। इस ड्यूटी का मकसद लोगों के साथ मेल-मिलाप और इलाके से खुफिया जानकारियां जुटाना होता है।
3. पोस्ट ड्यूटी: बनकर में उन्हें एक टक खड़ें रहना होगा, ऐसा दिन में कम से कम 2-2 घंटे की ड्यूटी होगी। जिसमें सिर्फ आते-जाते लोगो को देखना है और किसी से भी बात नहीं करना है। ये धोनी के धैर्य की अग्निपरीक्षा होगी।
वहीं बात अगर धोनी के 19 किलो वजन की करें तो उसमें धोनी के साथ वर्दी, जूते, 3 मैगजीन, 3-6 ग्रेनेड, हैलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट होगी। इन सभी सामनों को धोनी को हमेशा अपने पास रखकर ट्रेनिंग करनी होगी।