हैदराबाद: भारत का घरेलू पिचों पर विदेशी टीमों को बुरी तरह से रौंदने का सिलसिला वेस्टइंडीज के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे और आखिरी टेस्ट क्रिकेट मैच में भी बरकरार रखने की संभावना है जिसमें कैरेबियाई टीम वापसी की उम्मीदों के साथ उतरेगी। भारत ने राजकोट में पहला टेस्ट मैच पारी और 272 रन के रिकॉर्ड अंतर से जीता था और दूसरे टेस्ट मैच में भी किसी तरह का अंतर आने की संभावना नहीं है जिसमें फिर से भारतीय बल्लेबाजों की तूती बोल सकती है।
यही नहीं वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर अब भी शत प्रतिशत फिट नहीं हैं तथा उनके एकमात्र उपयोगी तेज गेंदबाज शैनन गैब्रियल का भी खेलना संदिग्ध है। भारत ने दूसरी तरफ पहला टेस्ट मैच तीन दिन में जीतने वाली अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। वैसे भारत के लिये आस्ट्रेलिया दौरे को ध्यान में रखते हुए एकतरफा मुकाबले आदर्श नहीं कहे जाएंगे। इससे पहले 2011 में भारत ने वेस्टइंडीज को एकतरफा सीरीज में 2-0 से हराया था लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे में उसे 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था।
इसी तरह से 2013 में भी भारत ने दोनों टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर जीत लिये थे लेकिन इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के दौरे में इसका कोई फायदा नहीं मिला जिसे भारतीय टीम ने गंवा दिया था। इससे पता चलता है कि वेस्टइंडीज की टेस्ट टीम पिछले कुछ सालों से प्रतिस्पर्धी नहीं रही जो भारतीय टीम को चुनौती दे सके। भारत वैसे भी अपनी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करता रहा है।
इस तरह के मुकाबले में किसी भी खिलाड़ी के लिये खुद को प्रेरित करना चुनौती होती है और कप्तान विराट कोहली ने पिछले मैच में 139 रन बनाकर दिखाया था कि वह किसी भी तरह के मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिये तैयार हैं। 18 साल के पृथ्वी शॉ ने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर उम्मीद के मुताबिक सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा लेकिन कोहली की पारी इसलिए बेजोड़ थी क्योंकि इससे उन्होंने दिखाया कि किस तरह से एक अन्य तरह की चुनौती के लिये खुद को तैयार करना होता है।
वेस्टइंडीज की गेंदबाजी की तुलना भारत की किसी कमजोर फर्स्ट क्लास टीम से की जा सकती है। वह बेदम है और इसलिए भारतीयों को फिर से बड़ा स्कोर खड़ा करने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए जबकि पिच भी इसके अनुरूप लगती है। भारत के लिये एकमात्र चिंता का विषय अंजिक्य रहाणे की फॉर्म है जो पिछले 14 महीनों से टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाये हैं। वह ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले फॉर्म में वापसी करने की पूरी कोशिश करेंगे।
केएल राहुल लगातार लचर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उन्हें इस मैच में बनाये रखने का मतलब है कि भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में राहुल-साव की सलामी जोड़ी के साथ उतरना चाहता है। शार्दुल ठाकुर फिर से 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाएंगे। मोहम्मद शमी और उमेश यादव भी इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे क्योंकि उन्हें वनडे टीम में जगह मिलने की संभावना नहीं है।
जहां तक वेस्टइंडीज का सवाल है तो वह भारत को कुछ चुनौती पेश करने की कोशिश करेगा। पहले टेस्ट मैच में केवल कीरेन पावेल और रोस्टन चेज ही भारतीय आक्रमण का कुछ देर तक सामना कर पाये थे। उसके बल्लेबाजों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है जो कि पहले मैच में नहीं दिखा था।
टीमें इस प्रकार हैं :
भारत (अंतिम 12): विराट कोहली (कप्तान), पृथ्वी साव, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, शार्दुल ठाकुर।
वेस्टइंडीज: जेसन होल्डर (कप्तान), सुनील एम्ब्रिस, देवेंद्र बिशू, क्रेग ब्रैथवेट, रोस्टन चेज, शेन डोवरिच, शैनन गैब्रियल, जहमर हैमिल्टन, शिमरोन हेटमायर, शाई होप, अलज़ारी जोसेफ, कीमो पॉल, कीरेन पॉवेल, केमार रोच, और जोमेल वारिकन।
मैच भारतीय समयानुसार सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।