विराट कोहली की ग़ैरहाज़िरी में टीम इंडिया की कमान संभालने वाले रोहित शर्मा इन दिनों वो कर रहे हैं जो एक ज़माने में वेस्ट इंडीज़ के कप्तान सर विवियन रिचर्ड्स किया करते थे. रिचर्ड्स जिस सहेजता से बॉलरों का कचूमर निकालते थे, रोहित भी कुछ वैसा ही कर रहे हैं. रोहित ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच में 102 रन बनाए थे. इसके बाद दूसरे वनडे में 208 रन की बेमिसाल पारी खेली और फिर दूसरे टी-20 में तूफ़ानी 118 रन ठोक दिए. रोहित ने शुक्रवार को इंदौर में 35 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. यहां ग़ौर करने वाली बात ये है कि 118 में से 108 रन तो चौकों (12) और छक्कों (10) से आए हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जिस आसानी से रोहित गेंद को सीमा पार या दर्शक दीर्घा में पहुंचा देते है, वो कमाल है. ख़ुद रोहित का मानना है कि उनके पास क्रिस गेल जैसी ताक़त नही है और वह महज़ शॉट के टाइमिंग और तकनीक से गेंदबाज़ को ठोकते हैं.
अब सवाल ये है कि आख़िर रोहित के पास वो कौन सी टाइमिंग या तकनीक है जिससे बल्ले से यूं रन निकलते हैं जैसे नल खोलने पर पानी निकलता है. ICC भी उनकी बैटिंग देखकर दंग रह गई है और उसने अपने ट्वीटर एकाउंट पर एक GIF इमेज पोस्ट की जो ICC की हैरानी को दर्शाती है. बहुत हैरानी की बात नही होगी अगर कल को लोग रोहित के बल्ले पर ही सवाल उठाने लगें. आख़िर विराट कोहली की इटली में शादी पर भी तो सवाल उठा ही है.
वैसे आपको याद दिला दें कि हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कला पर भी सवाल उठा था. जिस तरह ध्यानचंद की हाकी से बॉल चिपक कर रहती थी उससे लोगों को उनकी हाकी स्टिक पर शक़ हुआ था. लोगों को लगा था कि ज़रुर ध्यानचंद की हाकी स्टिक में कुछ गड़बड़ है तभी उससे गेंद यूं चिपक जाती है जैसे गुड़ पर मक्खी. बहरहाल, ध्यानचंद की हाकी स्टिक की जांच करवाई गई और नतीजे में कुछ नहीं निकला. यानी ध्यानचंद का स्टिकवर्क ही इतना कमाल का था कि गेंद हाकी से हटती ही नहीं थी.
तो अगर कल को रोहित के बाट की अगर जांच भी होती है तो नतीजा वही निकलेगा जो ध्यानचंद के मामले में निकला था. कहा जा सकता है कि अगर ध्यानचंद हाकी के जादूगर थे तो आज रोहित शर्मा क्रिकेट के जादूगर हैं.