धर्मशाला: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मिस्टर कूल धोनी ने यहां श्रीलंका के ख़िलाफ़ पहले वनडे में एक बार फिर ऐसी पारी खेली जिसे देखकर उनके आलोचकों को मुंह छुपना पड़ रहा है. आपको बता दें कि हाल ही के वर्षों में कुछ लोग धोनी की बैटिंग को लेकर नाराज़ चल रहे हैं. उनका कहना है कि उम्र के साथ धोनी की बैटिंग का धार कुंद पड़ गई है और अब उन्हें वनडे और टी-20 से भी रिटायर हो जाना चाहिए. धोनी टेस्ट से पहले ही सन्यास ले चुके हैं.
लेकिन आज यहां धोनी ने ऐसे समय टीम इंडिया को शर्मिंदगी से उबारा जब उसके लिए 50 का स्कोर भी छूना मुश्किल लग रहा था. 16 पर चार विकेट गिरने के बाद धोनी ने न सिर्फ़ पारी संभाली बल्कि भारत का स्कोर 100 के ऊपर पर पहुंचाया. धोनी ने दो छक्के और दस चौकों की मदद से 87 बॉल पर 65 रन बनाए.
धोनी के सामने एक के बाद एक विकेट गिरते जा रहे थे लेकिन उन्होंने एक छोर पर डटकर बैटिंग की और कोई जोख़िम भरा शॉट नहीं खेला.
धोनी ने कुलदीप यादव के साथ आठवे विकेट के लिए 41 रन की साझेदारी की जो भारतीय पारी की सबसे बड़ी साझेदारी रही. धोनी की बैटिंग की सबसे बड़ी ख़ासियत ये रही कि उन्होंने पंड्या के आउट होने के बाद दोनों छोर पर बल्लेबाज़ी की. उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाज़ों को विरोधी बॉलरों से दूर ही रखा.