नयी दिल्ली: मोहाली टेस्ट तीन दिन के अंदर ख़त्म हो गया। कुछ लोग कहेंगे कि ये विकेट का प्रकोप था जिसने साउथ अफ़्रीका को अपना ग्रास बनाया और कुछ कहेंगे ये स्पिनरों का प्रताप था जिसने टी 20 और वनडे में करारी हार के बाद टीम इंडिया को आख़िरकार दुर्लभ जीत के दर्शन करवाये।
चार टेस्ट मैच की सीरीज़ के पहले मैच में 40 में से 34 विकेट स्पिनर्स के खाते में गये हैं। दिलचस्प बात यह है कि साउथ अफ़्रीका के स्पिनरों ने भी इसमें से 15 विकेट लिये हैं, और वो भी सिर्फ़ अपने अकेले स्पिन विशेषज्ञ इमरान ताहिर और एल्गर और हार्मर जैसे पार्ट टाइम बॉलरों की बदौलत।
स्पिनरों ने डिफेंड किया छोटा सा टोटल
मैच शुरु होने के पहले ही विकेट की शक्ल-सूरत ने बता दिया था कि उस पर बल्लेबाज़ ता ता थैया करेंगे, यानी खेल की बागडोर पहले दिन से ही स्पिनरों के हाथों रहेगी। कप्तान कोहली ने टॉस जीतकर फौरन पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। पूर्व महान स्पिनर अनिल कुंबले ने दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ते हुए मुस्कुराकर कहा भी था कि टीम इंडिया को बस अब एक ठीक ठाक स्कोर खड़ा करना है।
लेकिन ऐसा हुआ नहीं और टीम इंडिया सिर्फ़ 201 रन का ही लक्ष्य दे पाई वो भी ऐसी टीम को जिसके पास आमला, डू प्लेसिस और डिविलियर्स जैसे वक़्त की कसौटी पर खरे उतरने वाले बल्लेबाज़ थे। कप्तान कोहली के चेहरे के भाव भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे थे।
चोट के बाद लौटे अश्विन ने डू प्लेसिस की डर को सही साबित कर दिखाया और पांच विकेट लेकर साउथ अफ़्रीका को 184 पर ही रोक दिया। डू प्लेसिस ने मैच के पहले अपनी टीम को आगाह करते हुए कहा था कि अश्विन उनके लिये बहुत बड़ी चुनौती होंगे। अश्विन के अलावा टीम में वापसी करने वाले रवींद्र जडेजा ने भी पहले बल्ले(38) और फिर गेंद से भी योगदान करते हुए पहली पारी में तीन विकेट झटक लिये।
मुरली-पुजारा की रखी नींव पर फिर मचाया अश्विन-जडेजा ने धमाल
मुरली (47) और चेतेश्वर पुजारा (77) ने दूसरी पारी में एक बार दिखाया कि इस तरह के घुमावदार विकेट पर किस तरह से खेला जाता है। दोनों की शानदार बल्लेबाज़ी के कारण भारतीय स्पिनरों को मैच के तीसरे दिन भोजन के बाद एक ऐसा टोटल(218) डिफ़ेंड करने को मिल गया जिसे कोई भी स्पिनर इस विकेट पर ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लेता। पहली पारी में जहां अश्विन ने साउथ अफ़्रीका को घुमाया था तो दूसरी पारी में ये जिम्मेदारी जडेजा ने ले ली। इस बार जडेजा ने पांच विकेट निकाल लिये।
इस मैच में अश्विन और जडेजा ने आठ-आठ विकेट लिये। मैन ऑफ द मैच जडेजा ने बल्ले से भी अच्छा ख़ासा योगदान किया। पहली पारी में उनके 38 रन किसी सेंचुरी से कम नहीं थे।
बहरहाल इस मैच से एक बात तो साबित हो गई कि टीम इंडिया की ताक़त अगर बल्लेबाज़ी है तो फिरकी गेंदबाज़ी भी जीत का अचूक सूत्र है जिसे घरेलू सीरीज़ में बार-बार आज़माने में कोई बुराई नही है क्योंकि घुमावदार विकेट से ही है टीम इंडिया की जीत की राह निकलती है।