नयी दिल्ली: साउथ अफ़्रीका के फ़ाफ डूप्लेसिस ने सही कहा था कि चोट के बाद टेस्ट सीरीज़ में अश्विन की वापसी उन लोगों के लिए एक कड़ी चुनौती पेश कर सकती है। शायद प्लेसिस जडेजा को भूल गए थे जिन्होंने चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले मोहाली टेस्ट में मैन ऑफ द मैच एवार्ड जीता था। अश्विन की तरह उन्होंने भी साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी गेंदबाज़ी में बांध दिया था।
मोहाली टेस्ट में अश्विन और जडेजा ने जहां कुल 16 विकेट लिये थे। मोहाली विकेट के बारे कहा गया कि ये इसे जानबूझकर खूब घुमावदार बनाया गया ताकि भारतीय स्पिनरों को मदद मिल सके और भारत टी20 और वनडे में मिली हार का बदला टेस्ट में ले सके।
लेकिन बेंगलुरु में विकेट मोहाली की तरह विकेट नहीं था इसके बावजूद अश्विन और जडेजा ने साउथ अफ़्रीकी बल्लबाज़ों को घुमाकर रख दिया। शुरुआत की अश्विन ने और 15 के स्कोर पर ही ओपनर ज़िल को चलता कर दिया। इसके बाद उन्होंने डूप्लेसिस को इतने ही स्कोर पर अपना शिकार बनाया।
जडेजा ने भी पार्टी में शामिल होते हुए कहर बरपा करना शुरु किया और अश्विन द्वारा डाले गए मनोवैज्ञानिक दबाव का पूरा लाभ उठाते हुए चार विकेट चटका डाले। डिविलियर्स (85) को छोड़कर कोई भी मेज़बान बल्लबाज़ इनके सामने टिक नही पाया।
अश्विन और जडेजा की बदौलत भारत साउथ अफ़्रीका को 214 पर समटे चुका है और भारत ने अपनी पारी में बग़ैर नुकसान के 80 रन बना लिये हैं। जिस तरह से मैच चल रहा है उससे साफ़ ज़ाहिर है कि भारत का पलड़ा भारी है जिसका श्रेय बेशक़ अश्विन और जडेजा को जाता है।