कप्तान क्विंटन डिकॉक की बड़ी अर्धशतकीय पारी से दक्षिण अफ्रीका ने रविवार को यहां तीसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत को 19 गेंद शेष रहते हुए नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर करायी। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे भारत के किसी भी बल्लेबाज ने टिककर खेलने का प्रयास नहीं किया। भारतीय टीम नौ विकेट पर 134 रन ही बना पायी। भारत की तरफ से सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (25 गेंदों पर 36) ने सर्वाधिक रन बनाये। उनके अलावा तीन अन्य बल्लेबाज ही दोहरे अंक में पहुंचे। कप्तान डिकाक ने फिर से लाजवाब पारी खेली और उनके गेंदबाजों ने जो मजबूत नींव रखी थी उसे अंजाम तक पहुंचाया। उन्होंने 52 गेंदों पर छह चौकों और पांच छक्कों की मदद से नाबाद 79 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका की जीत आसान कर दी। दक्षिण अफ्रीका ने 16.5 ओवर में एक विकेट पर 140 रन बनाये। इस तरह से तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर छूटी।
धर्मशाला में पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था जबकि भारत ने मोहाली में दूसरे मैच में सात विकेट से जीत दर्ज की थी। दक्षिण अफ्रीकी जीत की नींव उसके गेंदबाजों ने रखी। ब्यूरॉन हेंड्रिक्स (14 रन देकर दो), ब्यूरॉन फोर्टीन (19 रन देकर दो) और कैगिसो रबाडा (39 रन देकर तीन) ने भारत को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया जबकि तबरेज शम्सी (23 रन देकर एक) ने शुरू में रन गंवाने के बाद शानदार वापसी की। भारतीय बल्लेबाजों ने जहां गैरजिम्मेदाराना शाट लगाकर विकेट गंवाये वहीं डिकाक ने शुरू से सुनिश्चित किया कि रन भी बने और विकेट भी बचे रहें।
उन्होंने और रीजा हेंड्रिक्स (26 गेंदों पर 28) ने पहले विकेट के लिये दस ओवरों में 76 रन जोड़कर टीम को मजबूत शुरुआत दिलायी। डिकाक शुरू से गेंदबाजों पर हावी रहे। गेंद थोड़ा रूककर बल्ले पर आ रही थी लेकिन नवदीप सैनी पर लगाये गये डिकाक के दोनों छक्के दर्शनीय थे। उन्होंने वाशिंगटन सुंदर पर भी छक्का लगाया और हार्दिक पंड्या पर डीप एक्स्ट्रा कवर पर चौका लगाकर 38 गेंदों पर अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया।
हार्दिक ने इस ओवर में रीजा हेंड्रिक्स को आउट किया जिनका विराट कोहली ने शानदार कैच लिया, लेकिन तेम्बा बावुमा (23 गेंदों पर नाबाद 27) ने अपने कप्तान का अच्छा साथ दिया। इन दोनों दूसरे विकेट के लिये 64 रन की अटूट साझेदारी की। डिकाक ने हार्दिक की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 रन भी पूरे किये जबकि बावुमा ने क्रुणाल पर विजयी छकका लगाया। इससे पहले भारत ने पहले दस ओवरों के अंदर ही अपने तीनों सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों रोहित शर्मा (आठ गेंदों पर नौ), धवन और कप्तान कोहली (15 गेंदों पर नौ) के विकेट गंवा दिये।
इन तीनों में केवल धवन ही दमदार बल्लेबाजी कर पाये। एंडिल फेलुकवायो पर दो कलात्मक चौके और शम्सी पर आकर्षक छक्के धवन की पारी के आकर्षण रहे। रोहित के तीसरे ओवर में ब्यूरॉन हेंड्रिक्स की गेंद पर स्लिप में कैच देने के बाद धवन रन बनाने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे लेकिन शम्सी पर एक और छक्का जड़ने के प्रयास में वह गेंद हवा में लहरा गये और मिडविकेट पर कैच हो गये।
उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये। कोहली ने पारी की शुरुआत अपेक्षित नहीं रही। वह रन बनाने के लिये जूझते हुए नजर आये। कैगिसो रबाडा पर हावी होने के प्रयास में उन्होंने गेंद मिडविकेट सीमा रेखा की तरफ उछाल दी लेकिन फेलुकवायो ने वहां उसे बड़ी खूबसूरती से कैच में बदल दिया। विकेट गिरने का क्रम इसके बाद भी जारी रहा। खराब फार्म में चल रहे ऋषभ पंत (20 गेंदों पर 19 रन) ने फिर से अपनी गलती से विकेट गंवाया। वह फोर्टीन की चाल में फंस गये और लांग आफ पर आसान कैच दे बैठे।
इसी ओवर में श्रेयस अय्यर (आठ गेंदों पर पांच) के आउट होने से स्कोर पांच विकेट पर 92 रन हो गया। अब पंड्या बंधुओं पर दारोमदार था लेकिन क्रुणाल तिहरे अंक में पहुंचने से पहले ही पवेलियन लौट गये। हार्दिक (18 गेंदों पर 14) अपनी पूरी पारी के दौरान रन बनाने के लिये जूझते रहे। रविंद्र जडेजा (17 गेंदों पर 19) ने रबाडा पर छक्का जड़कर उम्मीद जगायी थी लेकिन अंतिम ओवर में तीन विकेट गंवाने से भारत 140 रन तक भी नहीं पहुंच पाया।