Highlights
- अय्यर ने पहली पारी में शतक जड़ने के बाद दूसरी पारी में 65 रन बनाकर धमाके से टेस्ट में पदार्पण किया है।
- मुंबई के इस बल्लेबाज ने हालांकि कहा कि टीम 250 रन के ज्यादा के स्कोर से संतुष्ट होती।
- भारत ने न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए 284 रनों का लक्ष्य रखा है।
कानपुर। टीम प्रबंधन के ग्रीन पार्क के आकलन के कारण भारतीय टीम ने दूसरी पारी की घोषणा थोड़ी देर से की हो लेकिन पदार्पण करने वाले श्रेयस अय्यर ने शुरूआती टेस्ट के अंतिम दिन जीत दिलाने के लिये अपने स्पिनरों का समर्थन किया। भारत ने दूसरी पारी सात विकेट पर 234 रन पर घोषित की जिससे मैच के चौथे दिन टीम की कुल बढ़त 283 रन की हो गयी। खराब रोशनी के कारण चौथे दिन जल्दी स्टंप करना पड़ा जिससे न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में केवल चार ही ओवर हाो पाये। इसमें रविचंद्रन अश्विन ने विल यंग को आउट कर दिया और तब न्यूजीलैंड का स्कोर चार रन पर एक विकेट था। मेहमान टीम के लिये इस रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करना असंभव है। इससे पहले वेस्टइंडीज ने 1987 में पांच विकेट पर 276 रन बनाकर लक्ष्य का पीछा किया था।
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अय्यर ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो विकेट पर ज्यादा मूवमेंट नहीं हो रहा था। हमें एक प्रतिस्पर्धी स्कोर की जरूरत थी, शायद 275 से 280 रन के करीब स्कोर की।’’
अय्यर ने पहली पारी में शतक जड़ने के बाद दूसरी पारी में 65 रन बनाकर धमाके से टेस्ट में पदार्पण किया है। उन्होंने कहा, ‘‘बात प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने की चल रही थी और मुझे लगता है कि यह सचमुच अच्छा स्कोर है। हमारे पास बेहतरीन स्पिनर हैं इसलिये उम्मीद है कि हम कल काम पूरा कर सकते हैं। हमारे पास ‘स्पिन पावर’ है।’’
उन्होंने हा, ‘‘हमें हमारे स्पिनरों पर भरोसा रखना होगा और हम जानते हैं कि वे उन्हें अंतिम दिन दबाव में रख सकते हैं।’’
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मुंबई के इस बल्लेबाज ने हालांकि कहा कि टीम 250 रन के ज्यादा के स्कोर से संतुष्ट होती। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 250 से ज्यादा की बढ़त इस विकेट पर काफी रहती। भाग्यशाली रहे कि हमें इससे ज्यादा बढ़त मिल गयी।’’
उनकी पारी से टीम दूसरी पारी में पांच विकेट पर 51 रन के स्कोर से अच्छी बढ़त बनाने में सफल रही। उन्हें सात साल पहले इसी स्टेडियम में उत्तर प्रदेश के खिलाफ रणजी ट्राफी के ‘करो या मरो’ के मुकाबले में इसी तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने उस समय भी टीम को मुश्किल से बाहर निकाला था और रविवार को भी।
अय्यर ने कहा, ‘‘मैं पहले भी इन परिस्थितियों में रह चुका हूं लेकिन भारतीय टीम के साथ नहीं। मैं रणजी के मैचों में ऐसा किया करता था। इसमें सत्र दर सत्र खेलने का विचार था। मैं इस बात से वाकिफ था कि मैं एक शतक और एक अर्धशतक जड़ने वाला पहला भारतीय हूं।’’
उन्होंने कहा,‘‘अंत में हमें मैच जीतना है और मेरे लिये सबसे अहम चीज यही थी। राहुल सर ने कहा था कि मुझे जहां तक संभव हो, तब तक क्रीज पर रहकर स्कोर बढ़ाने की जरूरत होगी।’’