न्यूजीलैंड के हाथों मिली 8 विकेट से करारी हार के बाद भारत वर्ल्ड कप से बाहर होने की कगार पर पहुंच गया है। आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया की यह लगातार दूसरी हार है। न्यूजीलैंड से पहले अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के हाथों भारत को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड को भी पाकिस्तान ने पहले मुकाबले में हराया था, जिस वजह से उनके लिए भी यह मुकाबला करो या मरो जैसा ही था। मगर न्यूजीलैंड ने अपने पिछले मुकाबले से सीख लेते हुए भारत को यहां हार का स्वाद चखाया। वहीं टीम इंडिया ने एक बार फिर अपने फैन्स को निराश किया। इस बड़े मुकाबले में हार झेलने के बाद कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है।
टॉस नहीं है जीत का गुरुमंत्र, बल्लेबाजी भी अच्छी करनी होती है
इस वर्ल्ड कप में ऐसा देखा गया है कि जो टीम टॉस जीतती है वो पहले गेंदबाजी करने का फैसला लेती है और लक्ष्य का पीछा करते हुए वह आसानी से जीत दर्ज कर लेती है। अभी तक खेले गए 28 मुकाबलों में सिर्फ तीन ही ऐसे मुकाबले रहे हैं जिसमें पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती है। इसी वजह से सभी टीमों ने टॉस को जीत का गुरुमंत्र मान लिया है मगर इसका मतलब यह नहीं है कि टीम टॉस हारते ही हार मान ले। भारतीय कप्तान विराट कोहली पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दोनों के खिलाफ टॉस हारे और विपक्षी टीमों के कप्तानों ने टॉस जीतने के बाद गेंदबाजी का ही फैसला लिया मगर दोनों ही मैचों में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने निराश किया। पाकिस्तान के खिलाफ शाहीन अफरीदी ने तो वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्रेंट बोल्ट भारत पर कहर बनकर बरसे। इन दोनों ही पारियों के दौरान भारतीय बल्लेबाजी फ्लॉप दिखाई दी।
बल्लेबाजों ने नहीं दिखाया संयम
न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मुकाबले में टीम इंडिया के बल्लेबाज पता नहीं किस बात की जल्दबाजी में दिखे। ईशान किशन से लेकर ऋषभ पंत तक सभी खिलाड़ियों ने बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में अपना विकेट खोया। किस भी टॉप ऑर्डर बल्लेबाज ने संयम नहीं दिखाया। ईशान किशन बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में बोल्ट का शिकार बने। इसके बाद राहुल का साथ देने रोहित आए और पहली ही गेंद पर उन्होंने पुल शॉट लगाने का प्रयास किया और फाइन लेग की दिशा में वह बाल-बाल बचे। उस समय पर रोहित जैसे अनुभवी बल्लेबाज से ऐसे गैर जिम्मेदाराना शॉट की उम्मीद नहीं थी। रोहित वहां बच गए, लेकिन छठे ओवर की 5वीं गेंद पर राहुल लेग साइड में बड़ा शॉट लगाने के प्रसाय में साउदी का शिकार बने। इसके बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत भी कुछ इसी प्रकार आउट हुए। अगर टीम का उपरी क्रम इस प्रकार से अपना विकेट खोएगा तो बल्लेबाजी में कितनी ही गहराई हो टीम बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाएगी।
वर्ल्ड कप में इतने एक्सपेरिमेंट क्यों?
न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में कोहली ने रोहित शर्मा को नंबर तीन पर खिलाते हुए ईशान किशन और केएल राहुल से ओपनिंग करवाई। जब से रोहित शर्मा ने ओपनिंग करना शुरू किया है तब से उन्होंने T20I में सिर्फ दो ही बार मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की है। क्या इस अहम मुकाबले में ऐसा एक्सपेरिमेंट करना किसी बड़ी टीम को शोभा देता है?
इस वर्ल्ड कप के लिए सभी टीमों को तैयारी करने के लिए लगभग 5 साल का समय मिला था। आखिरी टी20 वर्ल्ड कप 2016 में भारत में खेला गया था। कोई भी टीम वर्ल्ड कप से पहले सभी एक्सपेरिमेंट कर पूरी तैयारी के साथ मैदान पर उतरती है लेकिन टीम इंडिया वर्ल्ड कप के दौरान ही तैयारी करती हुई दिखाई दी। आईपीएल की परफॉर्मेंस को देखते हुए टीम ने वरुण चक्रवर्ती को 'मिस्ट्री स्पिनर' के रूप में जगह दी। वरुण चक्रवर्ती इससे पहले विराट कोहली की कप्तानी में कभी नहीं खेले थे। पाकिस्तान के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद चक्रवर्ती को कोहली ने एक बार फिर मौका दिया, क्या उसकी जगह अश्विन को खिलाया जा सकता था?
बेबस दिखे गेंदबाज
पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ मिलाकर भारत सिर्फ दो ही विकेट ले पाया। टीम में बुमराह, शमी, भुवनेश्वर और जडेजा जैसे स्टार गेंदबाजों के होते हुए भारत का यह हाल है। दोनों मुकाबलों को मिलाकर जसप्रीत बुमराह ही एक ऐसे गेंदबाज हैं जो अभी तक विकेट निकालने में सफल रहे हैं। बुमराह को यह दोनों ही विकेट न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में मिले हैं। अगर आपकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही ऐसे सधारण रहेगी तो आप टॉस को किसी भी एंगल से दोषी नहीं ठहरा सकते।