पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट ने भारत के खिलाफ ड्रॉ समाप्त हुए पहले क्रिकेट टेस्ट में धैर्य और तकनीक की कमी के लिए इंग्लैंड के बल्लेबाजों को फटकार लगाई है। बॉयकॉट का मानना है कि कुछ बल्लेबाज गेंद पर शॉट खेलने के लालच को नहीं रोक पाए जबकि वह गेंद शॉट खेलने वाली नहीं थी। उन्होंने साथ ही कहा कि एक दिवसीय क्रिकेट पर काफी अधिक ध्यान देने से उनकी परेशानी बढ़ रही है।
कप्तान जो रूट सीरीज के पहले टेस्ट में छाप छोड़ने वाले इंग्लैंड के एकमात्र बल्लेबाज रहे। उन्होंने 100 और 64 रन की पारियां खेली। बॉयकॉट ने ‘द टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘मैं हाल में ग्राहम गूच से मिला और हमने इंग्लैंड की बल्लेबाजी पर बात की।
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उन्होंने सारी चीजों का सार बताते हुए कहा अगर गेंदबाज चार गेंद पर रन बनाने का मौका नहीं देता है तो फिर हमारे बल्लेबाज पांचवीं या छठी गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश करेंगे और पूरी संभावना है कि वह अपना विकेट गंवा देंगे।।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘क्रिकेट की संस्कृति बदल गई है। हमारे कई बल्लेबाजों को शॉट खेलना पसंद है और अधिक एक दिवसीय क्रिकेट के कारण आधुनिक खिलाड़ी इसमें काफी अच्छे हैं, लेकिन उनकी रक्षात्मक तकनीक उन्हें निराश करती है।’’ बॉयकॉट ने कहा, ‘‘फ्रेंचाइजी लीग को देखते हुए यह कहना अजीब लगेगा कि टिके रहो और रक्षात्मक खेल दिखाओ लेकिन जैसा कि
गूच ने कहा, ‘‘टीमों को सिर्फ कुछ अच्छी गेंद फेंकने की जरूरत है क्योंकि उन्हें पता है कि जल्द ही बल्लेबाज बड़ा शॉट खेलने के लालच में आ जाएगा।’’ इंग्लैंड के बल्लेबाजों को इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी जूझना पड़ा था।यह भी पढ़ें- Ind vs Eng : मैच ड्रॉ होने के बाद छलका जो रूट का दर्द, मौसम और टीम के खिलाड़ियों को लेकर दिया बड़ा बयान
बॉयकॉट ने कहा, ‘‘जब वे हमेशा आक्रामक होकर खेलने की कोशिश करते हैं तो हम समर्थक निराश हो जाते हैं लेकिन हम हैरान नहीं हैं क्योंकि काउंटी स्तर पर उन्हें इसी तरह की क्रिकेट सिखाई जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैक क्राउले को देखिए। वह इस समस्या से परेशान है। वर्षों से युवा बल्लेबाजों को गेंदबाजों को गेंद पर बड़ा शॉट खेलना सिखाया जा रहा है क्योंकि इतने सारे एक दिवसीय मैच खेले जा रहे हैं।’’
पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘सिर्फ स्ट्राइक रेट की बात हो रही है लेकिन टेस्ट मैचों के लिए यह बकवास चीज है। अगर आपका रक्षण मजबूत नहीं है तो टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष गेंदबाज नई गेंद से आपकी कमजोरी ढूंढ लेंगे। बहुत सारे आकर्षक शॉट खेल पाने का मतलब ही क्या है अगर आप क्रीज पर टिके ही नहीं रह पाओगे। यही समस्याओं की जड़ है।’’
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बॉयकॉट ने सलामी बल्लेबाजों रोरी बर्न्स और डोम सिबले पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व टेस्ट क्रिकेटर ही नहीं बल्कि क्लब खिलाड़ी भी रोरी बर्न्स और डोम सिबले को देखकर सोचते होंगे कि वे उनसे बेहतर कर सकते हैं।’’
बॉयकॉट ने कहा, ‘‘सिबले क्राउले के विपरीत है। वह टिका रह सकता है लेकिन उसके पास शॉट की कमी है। वह स्ट्राइक रोटेट नहीं कर सकता इसलिए जब वह अपना और टीम का स्कोर आगे नहीं बढ़ा पाता तो वह अपने ऊपर काफी दबाव बना लेता है।’’ बॉयकॉट ने जोस बटलर और डैन लॉरेंस की बल्लेबाजी की भी आलोचना की।