लंदन। दिनेश कार्तिक को लगता है कि मोहम्मद सिराज का पहले टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो को आउट करने के बाद ‘चुप होने’ का इशारा करना गैर जरूरी था। उनका हालांकि मानना है कि यह भारतीय तेज गेंदबाज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में आगे इन चीजों को समझ जायेगा। बेयरस्टो को आउट करने के बाद सिराज अपने जश्न मनाने के दौरान आक्रामक थे और उनका इस ड्रा हुए टेस्ट में कई बार इस बल्लेबाज से शब्दों का आदान प्रदान भी हुआ।
कार्तिक श्रृंखला के दौरान कमेंटरी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, उन्होंने ‘द टेलीग्राफ’ में लिखा, ‘‘मुझे यह लगता है कि सिराज ने जब बल्लेबाज को आउट करने के बाद चुप रहने का इशारा किया तो यह अनावश्यक था। आप पहले ही आउट कर चुके हो तो इसकी जरूरत क्यों? सिराज के अंतरराष्ट्रीय करियर में यही पहली सीख है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हममें से कितनों ने यह सोचा होगा कि विराट कोहली आकर टीम के उत्साहित साथी को शांत करायेंगे? लेकिन भारतीय कप्तान को ट्रेंट ब्रिज पर सुनिश्चित करना पड़ा कि सिराज हद से आगे नहीं बढ़े।’’
कार्तिक ने कहा, ‘‘इस टीम ने जिस तरह का क्रिकेट खेला, मुझे यह बहुत पसंद है। खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वियों से शाब्दिक बहस में उलझने में झिझकते नहीं हैं जैसा सिराज और केएल राहुल ने किया। यह नये जमाने का भारत है। ’’
कार्तिक अगले महीने इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राउडर्स के लिये खेलेंगे, उन्होंने कहा कि आक्रामक होने के विभिन्न तरीके हैं।
उन्होंने कहा,‘‘आक्रामकता विभिन्न तरीकों से दिखायी जाती है। कुछ खिलाड़ी जैसे विराट, सिराज और राहुल के लिये यह खुलम खुल्ला आपको मुंह पर जवाब देकर हो सकती है। लेकिन मैंने सीनियर बल्लेबाज रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को इसी तरह से आक्रामक होते हुए नहीं देखा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आक्रामक नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत के ज्यादातर तेज गेंदबाज शारीरिक आक्रामकता से दूर रहते हैं। वे गेंद से ही अपना काम करने को तरजीह देते हैं, जो ठीक भी है। भारत ने मुख्यत: विराट की तेज गेंदबाजी इकाई की वजह से विदेशों में अच्छा करना शुरू किया है। भारत ने लगातार आस्ट्रेलिया में फतह हासिल की है, इंग्लैंड से अब मुकाबला हो रहा है और साल के अंत में दक्षिण अफ्रीका से होगा जिससे विदेशी टीम पर दबदबा बनाने के मौके मिलेंगे।’’
कार्तिक ने कहा, ‘‘यह श्रृंखला इसलिये दिलचस्प हो जाती है क्योंकि भारत ने अपने हाव भाव और आक्रामकता से स्पष्ट कर दिया है कि वे यहां जीतने आये हैं। लेकिन इंग्लैंड को सभी कमजोरियों के बावजूद उसकी सरजमीं पर हराना बहुत मुश्किल है। ’’