इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक ने अचानक इंटरनेश्नल क्रिकेट से संन्यान लेने की घोषणा कर दी है। भारत के खिलाफ सीरीज का आखिरी टेस्ट कुक के करियर का भी आखिरी मैच होगा। आइए आपको बताते हैं भारत के खिलाफ ही डेब्यू कर भारत के खिलाफ ही संन्यास लेने वाले कुक के इस फैसले के 3 बड़े कारण।
प्रदर्शन में लगातार आ रही गिरावट
भारत के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में कुक का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। अब तक खेले गए 4 मैचों की 8 पारियों में 15.57 की औसत से सिर्फ 109 रन बनाए हैं। इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उनका प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा तो वहीं इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उनके बल्ले ने एक बार फिर खामोशी अख्तियार कर ली। 2 मैचों की 4 पारियों में कुक के बल्ले से 5.75 की औसत से सिर्फ 23 रन निकले थे। इसके अलावा पिछली ऐशज सीरीज में अगर एक दोहरे शतक को छोड़ दिया जाए तो वो पूरी सीरीज में फ्लॉप रहे थे। जिसके चलते इंग्लैंड को ऐशज में 4-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। जाहिर है लगातार प्रदर्शन में आ रही गिरावट भी संन्यास की बड़ी वजह है।
क्रिकेट को सबकुछ दे दिया अब कुछ नहीं बचा देने के लिए
मेरे लिए ये बेहद भावुक दिन है। लेकिन मैं इसे अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ ऐलान कर रहा हूं कि क्योंकि मैं जानता हूं कि मैंने अपना सब कुछ दे दिया है और अब देने को कुछ नहीं बचा। मैंने इतना कुछ हासिल कर लिया जिसके बारे में मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। इंग्लैंड के कई दिग्गजों के साथ खेलना मेरे लिए गर्व की बात है। जब मेरे जहन में ये आता है कि अब मैं अपने खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर नहीं कर पाऊंगा तो मुझे अपने फैसले पर अफसोस होता है। लेकिन मुझे पता है कि ये समय सही है।'
बढ़ती उम्र बनी वजह
एलिस्टर कुक फिलहाल 33 साल, 252 दिन के हैं और 25 दिसंबर को वो 34 साल के हो जाएंगे। इसमें कोई दोराय नहीं है कि कुक बेहतरीन बल्लेबाज हैं लेकिन बढ़ती उम्र का असर पिछले कुछ महीनों से उनकी बल्लेबाजी में साफ देखने को मिला है। कुक के शॉट्स की टाइमिंग में खासा फर्क देखा जाना लगा है और यही वजह है कि वो पहले जितने प्रभावशाली नहीं रहे हैं। कुक ने भी अपने बयान में यही कहने की कोशिश की है को उन्होंने अपना सब कुछ दे दिया है और अब उनके पास देने के लिए कुछ भी नहीं है।
सबसे खास बात यह है कि कुक ने 21 साल की उम्र में 2006 में भारत के खिलाफ ही टेस्ट प्रारूप में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने करियर में अब तक 160 टेस्ट मैचों में 12,254 रन बनाए हैं, जिसमें 32 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। इंग्लैंड का कोई भी खिलाड़ी उनके टेस्ट रनों और शतकों के करीब नहीं पहुंचा है।