चेन्नई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रविचंद्रन अश्विन से सहमति जताते हुए कहा कि पहले टेस्ट में वह एसजी गेंदों की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं है। भारतीय गेंदबाज गेंद की हालत से खुश नहीं थे और इसे बदलने के उनके अनुरोध को मैदानी अंपायरों नितिन मेनन और अनिल चौधरी ने नहीं माना।
कोहली ने कहा ,‘‘एसजी टेस्ट गेंदों का वह स्तर नहीं था जो अतीत में होता था। गेंद 60 ओवर के बाद पूरी तरह खराब हो रही थी और टेस्ट में ऐसा नहीं होना चाहिये। कोई टीम इसकी अपेक्षा नहीं करती।’’
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उन्होंने कहा,‘‘यह कोई बहाना नहीं है। इंग्लैंड की टीम अच्छा खेली और जीत की हकदार थी।’’
ऐसी खबरें थी कि मेरठ की सांसपारेल्स ग्रीनलैंड्स (एसजी) ने श्रृंखला के लिये नयी गेंद बनाई है जो गहरे रंग की है और जिससे सीम अधिक मिलेगा लेकिन गेंदबाजों को गेंद की गुणवत्ता में कमी लगी।
अश्विन ने कल कहा था ,‘‘गेंद सुंदर है लेकिन हमारे लिये कुछ अजीब था। मैने कभी एसजी गेंद को सीम से इस तरह खराब होते नहीं देखा। शायद पहले दो दिन पिच कठोर होने से ऐसा हुआ। लेकिन दूसरी पारी में भी 35.40 ओवर के बाद यह देखने को मिला।’’
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बात मुकाबले की करें तो इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। एशियाई पिचों पर अकसर टीमें यही फैसला लेती है। इसका फायदा उठाते हुए इंग्लैंड ने कप्तान जो रूट के दोहरे शतक की मदद से पहली पारी में 578 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इस दौरान मेहमान टीम ने लगभग 2 दिन से ज्यादा बल्लेबाजी की थी।
इस स्कोर के सामने भारतीय टीम 337 ही रन बना सकी। भारत की ओर से ऋषभ पंत ने 91 रन की सर्वाधिक पारी खेली थी। इंग्लैंड इसके बाद भारत से 241 रन आगे थे, लेकिन उन्होंने फॉलोअन देने की बजाय खुद बल्लेबाजी करना बेहतर समझा।
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दूसरी पारी में इंग्लैंड 178 रन पर ही सिमट गई और उन्होंने भारत के सामने 420 रन का लक्ष्य रखा। गिल और कोहली को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज ज्यादा देर पिच पर नहीं टिक सका। गिल ने जहां 50 रन बनाए वहीं कोहली ने 72 रन की पारी खेली। इंग्लैंड की ओर से जैक लीच ने चार और जेम्स एंडरसन ने तीन विकेट लिए। जो रूट को उनकी लाजवाब पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।