लंदन खेल 46 खेल लीड भारत बड़े लक्ष्य के सामने इंग्लैंड की अच्छी शुरुआत, पांचवें दिन रोमांचक मुकाबले की उम्मीद लंदन, पांच सितंबर (भाषा)
शार्दुल ठाकुर और ऋषभ पंत की शतकीय साझेदारी से इंग्लैंड को बड़ा लक्ष्य देने वाला भारत 32 ओवरों में कोई सफलता हासिल नहीं कर पाने के कारण रविवार को यहां चौथे टेस्ट मैच में जीत की अपनी उम्मीदों को पंख नहीं लगा पाया। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 466 रन बनाकर इंग्लैंड के सामने 368 रन का लक्ष्य रखा जिसने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 77 रन बनाये हैं।
इस तरह से इंग्लैंड अब लक्ष्य से 291 रन दूर है। भारत ने पहली पारी में 191 रन बनाये थे जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 290 रन बनाकर 99 रन की बढ़त ली थी। ओवल में अब तक कोई भी टीम से 263 रन से अधिक का लक्ष्य हासिल नहीं कर पायी है, लेकिन पिच अब भी बल्लेबाजी के लिये अनुकूल है।
रोरी बर्न्स (नाबाद 31) और हसीब हमीद (नाबाद 43) ने जिस तरह से भारत को विकेट के लिये तरसाये रखा उससे गेंदबाजों को लग गया होगा कि पांचवें दिन उन्हें विकेट हासिल करने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान अहम रहा। पहली पारी में 57 रन बनाने वाले ठाकुर ने 72 गेंदों पर 60 रन बनाये जिसमें सात चौके और एक छक्का शामिल है।
पंत ने 106 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 50 रन की पारी खेली। इन दोनों ने सातवें विकेट के लिये 100 रन की साझेदारी की। उमेश यादव ने 25 और जसप्रीत बुमराह ने 24 रन का उपयोगी योगदान दिया। इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स ने 83 रन देकर तीन विकेट लिये। उनके अलावा ओली रॉबिन्सन और मोईन अली ने दो-दो जबकि जेम्स एंडरसन, क्रेग ओवरटन और कप्तान जो रूट ने एक-एक विकेट लिया।
इसके बाद बर्न्स और हमीद ने बेहद सतर्कता और सहजता के साथ बल्लेबाजी की। ऐसे में भारत को ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की कमी खली जिन्हें अभी तक पांच मैचों की सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला है। कप्तान विराट कोहली ने आठवें ओवर में बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा के गेंद सौंप दी थी। उन्होंने 13 ओवर किये लेकिन विकेट हासिल नहीं कर पाये। इसके बावजूद पांचवें दिन उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
भारतीय टीम चौथे दिन विकेट लेने के लिये बेताब दिखी और इस बीच उसने एक रिव्यू भी गंवाया। इससे पहले भारत ने सुबह तीन विकेट पर 270 रन से आगे खेलना शुरू किया तथा पहले सत्र में तीन विकेट गंवाकर 59 रन जोड़े। ठाकुर और पंत के प्रयास से भारत ने दूसरे सत्र में 26 ओवर में 116 रन बनाये और दो विकेट गंवाये। इससे पहले सत्र में वापसी करने वाला इंग्लैंड बैकफुट पर पहुंच गया।
पंत को अपने तीखे तेवरों के लिये जाना जाता है लेकिन वह ठाकुर थे जिन्होंने अपने इस साथी की तुलना में अधिक आक्रामक और आकर्षक बल्लेबाजी की। ठाकुर के तीन स्ट्रेट ड्राइव भी तीसरे दिन रोहित शर्मा (127) और चेतेश्वर पुजारा (61) के शॉट जैसे ही आकर्षक थे। ओली रॉबिन्सन ने जब धीमी गेंद करके ठाकुर को चकमा देने की कोशिश की तो उन्होंने उसे लांग ऑन पर छक्के के लिये भेजा और इसी ओवर में अपने करियर का तीसरा और मैच का दूसरा अर्धशतक पूरा किया।
ठाकुर ने पहली पारी में भारतीय पारी में सर्वाधिक रन बनाये थे। पंत ने रणनीतिक बल्लेबाजी की। उन्होंने शुरू में स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान दिया लेकिन बाद में कुछ अच्छे शॉट लगाये। आखिर में रूट को स्वयं गेंद थामनी पड़ी और वह अपनी ऑफ स्पिन से साझेदारी तोड़ने में भी सफल रहे।
ठाकुर पूरे नियंत्रण के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन रूट की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में चली गयी। पंत ने मोईन के अगले ओवर में अपना सातवां अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में गेंदबाज को वापस कैच थमाया। भारत ने पहले सत्र में कल के अविजित बल्लेबाजों जडेजा (59 गेंदों पर 17) और कोहली (96 गेंदों पर 44) के अलावा अजिंक्य रहाणे का भी विकेट गंवाया जो खाता भी नहीं खोल पाये।
वोक्स ने गेंद थामते ही जडेजा को पगबाधा आउट कर दिया। वोक्स के इस ओवर में रहाणे को भी पगबाधा आउट दे दिया गया था लेकिन डीआरएस में फैसला भारत के पक्ष में गया। रहाणे इसका फायदा नहीं उठा पाये और वोक्स के अगले ओवर में पगबाधा की अपील पर जब अंपायर की उंगली उठी तो डीआरएस की भी गुंजाइश नहीं थी। इससे आखिरी टेस्ट मैच के लिये अंतिम एकादश में उनकी जगह खतरे में दिख रही है।
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कोहली भी अर्धशतक भी पूरा नहीं कर पाये। जो रूट ने जल्द ही गेंद स्पिनर मोईन अली को थमा दी और उन्होंने पहले ओवर में कोहली का कीमती विकेट लिया। भारतीय कप्तान ने टर्न लेती गेंद पर स्लिप में आसान कैच दिया। भारत की बढ़त तब केवल 213 रन की थी।