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धोनी ने अगर ये न कहा होता तो कुलदीप कभी नहीं बनते चाइनामैन से हैट्रिकमैन

कुलदीप यादव ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में न सिर्फ ये चुनौती स्वीकार की बल्कि इतिहास ही रच डाला। उन्होंने इस मैच में हैट्रिक ली। वह ये कारनामा करने वाले पहले भारतीय स्पिनर हैं। इससे पहले तेज गेंदबाज चेतन शर्मा और कपिलदेव ने भी हैट्

Written by: Feeroz Shaani
Published : September 22, 2017 10:09 IST
Kuldeep-Yadav
Image Source : PTI Kuldeep-Yadav

कोलकाता: क्रिकेट बल्लेबाज़ों का खेल माना जाता है जिसमें अमूमन गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई होती है। तेंज़ गेंदबाज़ तो फिर भी अपनी रफ़्तार से हल्लेबाज़ों में ख़ौफ़ पैदा करते रहे हैं लेकिन स्पिन गेंदबाज़ो के ख़िलाफ़ तो पुछल्ले बल्लेबाज़ भी हाथ खोलने में नहीं हिचकते। लेकिन ये भी सच है कि शैन वार्न और मुथैया मुरलीधरन जैसे फ़िरकी गेंदबाज़ों ने बल्लेबाज़ प्रभुत्व खेल में न सिर्फ़ अपनी जगह बनाई बल्कि इतिहास पुरुष बन गए। वनडे टेस्ट मैचों से एकदम अलग विधा है जहां गेंदबाज़ ख़ासकर स्पिनर्स अपनी क़िस्मत के रहम-ओ-करम पर रहते हैं। कुछ अपवाद छोड़ दें तो स्पिनरों को मिडिल ओवर्स में लगाया जाता है। ये वो समय होता है जब बल्लेबाज सेट होकर खेल रहे होते हैं या फिर क्रीज़ पर नया बल्लेबाज़ है।

दोनों ही स्थितियों में उनका मक़सद तेज़ी से रन बटोरना होता है और ज़ाहिर है ऐसे में स्पिनरों की चुनौता और कठिन हो जाती है। लेकिन कुलदीप यादव ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में न सिर्फ ये चुनौती स्वीकार की बल्कि इतिहास ही रच डाला। उन्होंने इस मैच में हैट्रिक ली। वह ये कारनामा करने वाले पहले भारतीय स्पिनर हैं। इससे पहले तेज गेंदबाज चेतन शर्मा और कपिलदेव ने भी हैट्रिक ली थी।

कुलदीप ने ऑस्ट्रेलियाई पारी के 33वें ओवर में लगातार तीन गेंदों पर तीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट करके अपनी पहली हैट्रिक पूरी की। उन्होंने अपने दूसरे स्पेल में शानदार गेंदबाजी करते हुए यह सफलता अर्जित की। इससे पहले के स्पेल में कुलदीप की गेंदों पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जमकर रन बनाए।

लेकिन कुलदीप की इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे एक  राज़ भी और वो ये कि उन्हें अपने तीसरे विकेट के लिए कोई सलाह नहीं मिली। दरअसल कुलदीप ने मैच के बाद बताया-'मैंने माही भाई से पूछा कि कैसी गेंदे करूं, तो उन्होंने कहा कि तुझे जैसा लगता है, वो डाल। यह मेरे लिए विशेष है, जिसने मैच का रुख पलट दिया। मैंने कभी ऐसा सपना भी नहीं देखा था। शुरुआत में मैं संघर्ष कर रहा था। यह क्रिकेट है, जिसमें कुछ भी हो सकता है। पिछले मैच में मेरी गेंद पर तीन छक्के पड़े थे, जिससे काफी कुछ सीखने को मिला।'

धोनी की इसी बात से कुलदीप का सारा कंफ़्यूज़न दूर हो गया और उन्होंने अपने तरकश से वो तीर निकाला जिस पर उन्हें सबसे ज़्यादा भरोसा था वर्ना अगर धोनी उनको किसी ख़ास तरह की बॉल डालने की सलाह देते तो हो सकता था कि चाइनामैन उस चाइनीज़ वॉल को नहीं फ़लांग पाते जो उन्होंन फ़लांग ली।

ग़ौरतलब है कि फिरकी गेंदबाज कुलदीप यादव की हैटट्रिक की मदद से भारत ने गुरुवार को दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को 50 रनों से हरा दिया। भारत के 252 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पारी 43.1 ओवरों में 202 रनों पर सिमट गई।

ये हैं कुलदीप के तरकश के तीन तीर

पहला तीर

कुलदीप ने 33वें ओवर की दूसरी गेंद पर वेड को आउट कर पहला विकेट लिया। वेड कुलदीप की गेंद पर चकमा खा गए और गेंद बल्ले का अंदरुनी किनारा लेते हुए सीधे स्टंप पर जा लगी।

दूसरा तीर

33वें ओवर की तीसरी गेंद पर कुलदीप का सामना करने उतरे एश्टन एगर फुलटॉस गेंद पर चकमा खा गए और गेंद सीधे पैड पर जा लगी। कुलदीप ने एलबीडब्व्यू की अपील की और अंपायर का फैसला कुलदीप के पक्ष में गया। लगातार दो गेंदों पर कुलदीप को दो विकेट मिले।

तीसरा तीर

33वें ओवर की चौथी गेंद पर कुलदीप का सामने थे पैट कमिंस। कुलदीप के लिए हैट्रिक चांस। कुलदीप की गुगली को कमिंस ने रक्षात्मक तरीके से खेलने की कोशिश की। गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई सीधे विकेटकीपर एमएस धोनी के ग्लब्स में चली गई। कुलदीप ने अपना पहला हैट्रिक लिया।

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