चोटों से परेशान भारतीय टीम के लिए तीसरा टेस्ट मैच जीतना मुश्किल दिख रहा था। कुछ खिलाड़ी मैच से पहले ही चोटिल हो गए थे तो दो खिलाड़ी मैच के दौरान। फिर भी भारत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस योद्धा वाली शैली का परिचय दिया उसका परिणाम यह रहा कि भारत हार से बचने में ही नहीं, बल्कि तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में भी सफल रही। टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मैच के बाद कहा कि टीम में बात अपनी क्षमता दिखाने और अंत तक लड़ने की हुई थी और टीम इसे करने में सफल रही।
रहाणे ने कहा, "सुबह हमारी बात अपनी दृढ़ता दिखाने और अंत तक लड़ने की हुई थी। हमने पहली पारी से ही मैच में वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट पर 200 रन था और फिर हमने उसे 338 रनों पर ढेर कर दिया। यह बेहद खास था।"
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मैच के पांचवें और आखिरी दिन रविवार को भी भारत ने वापसी करते हुए मैच ड्रॉ कराया जिसमें हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन का अहम रोल रहा। विहारी ने 161 गेंदों पर 23 रन बनाए और अश्विन ने 128 गेंदों पर 39 रन बनाए। दोनों नाबाद रहे और मैच ड्रॉ कराते हुए वापस लौटे।
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चोटिल ऋषभ पंत ने भी बेहतरीन योगदान दिया और तेजी से 97 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा के साथ उनकी 148 रनों की साझेदारी ने भारत को मैच में वापस ला दिया था।
रहाणे ने कहा, "विहारी और अश्विन ने विशेष पारी खेली। हमारी कोशिश दाएं-बाएं हाथ का संयोजन बनाने की थी। पंत को भी श्रेय देना होगा। चोट के लिहाज से पंत शानदार खेल रहे थे।"