चोट से बेहाल भारतीय क्रिकेट टीम चौथे टेस्ट में चार बदलाव करने को मजबूर हुई। जिसमें तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, बल्लेबाज हनुमा विहारी और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा बाहर हुए हैं जबकि तमिलनाडु के टी. नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर डेब्यू कर रहे हैं। इसके अलावा तेज गेंदबाज शार्दूल ठाकुर और बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को मैदान में उतरने का मौका मिला है।
इस तरह जैसे ही ये सभी तेज गेंदबाज भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान में गेंदबाजी करने उतरे। वैसे ही 87 साल पुरानी एक याद ताजा हो गई। दरअसल, चौथे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के गेंदबाज जैसे कि शार्दुल, नटराजन, वाशिंग्टन सुंदर, सिराज, और नवदीप सैनी गेंदबाजी करने उतरे। ये टीम इंडिया का साल 1933 के बाद से सबसे कम अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण बना। इन सभी गेंदबाजों को मिलाकर देखा जाए तो ये सभी गेंदबाज घरेलू क्रिकेट में सिर्फ 60 गेंद ही फेंकने का अनुभव प्राप्त है और उसके बाद टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं। इससे पहले इनसे भी कम अनुभवी गेंदबाजों के साथ भारत साल 1933 में खेला था।
गौरतलब है कि यूएई में आयोजित आईपीएल-13 के बाद नेट बॉलर्स के रूप में आस्ट्रेलिया लाए गए सुंदर और नटराजन के लिए यह अजीब संयोग है। किस्मत के भरोसे नटराजन सीमित ओवरों की सीरीज में भी खेलने में सफल रहे और अब भारत के 300वें टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर डेब्यू कर रहे हैं।
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बुमराह के पेट की मांसपेशियों में खिंचाव है। उन्हें लेकर संदेह की स्थिति थी और इसी कारण भारतीय टीम प्रबंधन ने इस मैच के प्लेइंग-11 की घोषणा के लिए आज तक का समय लिया। अश्विन और विहारी सिडनी में भारत को ऐतिहासिक बराबरी दिलाने के दौरान चोटिल हो गए थे। जडेजा को सिडनी टेस्ट की पहली पारी के दौरान बल्लेबाजी करते हुए हाथ में चोट लगी थी।
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वहीं इस सीरीज के आंकड़ों पर गौर करें तो वे काफी चौंकाने वाले हैं। भारत ने इस सीरीज में अब तक 19 खिलाड़ियों को आजमाया है। 1961-62 सत्र के बाद यह सबसे बड़ी संख्या है। विदेशी धरती पर खेलते हुए भारत ने अधिकतम 17 खिलाड़ियों का उपयोग किया है।
( इनपुट - आईएएनएस )