भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने माना कि पिंक बॉल से खेले जाने वाले डे नाईट टेस्ट मैच में दिन ढलने यानी शाम का समय बल्लेबाजों का सामने सबसे चैलेंजिग होता है। इस समय अगर आपने संभलकर बल्लेबाजी कर ली तो मैच में अपनी पकड मजबूत बना सकते हैं।
इस तरह रहाणे ने मैच से पहले हुई प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि गुलाबी गेंद से टेस्ट में दिन ढलने ( शाम ) के दौरान का सत्र काफी अहम होता है और उस पर काफी तैयारी की जा रही है। रहाणे ने कहा कि उस 40 से 50 मिनट के दौरान गेंद की रफ्तार काफी तेज हो जाती है। उन्होंने कहा,‘‘नयी गुलाबी गेंद की रफ्तार सूर्यास्त के समय काफी तेज हो जाती है। ऐसे में बल्लेबाजों के लिये फोकस करना मुश्किल होता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘लाल गेंद से हम दिन भर खेलते हैं तो रफ्तार में अचानक बदलाव नहीं आता है लेकिन गुलाबी गेंद से 40-50 मिनट के भीतर गति अचानक बदल जाती है। उस समय सही सामंजस्य बिठाना जरूरी है।’’
रहाणे ने तैयारियों के बारे में आगे कहा ,‘‘पृथकवास चुनौतीपूर्ण था ,खासकर पहले 14 दिन लेकिन खुशकिस्मती से हमें रियायत मिली और हम अभ्यास कर सके। हमारी तैयारी अच्छी है और अभ्यास मैचों से काफी मदद मिली।’’
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बता दें कि चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच 17 दिसंबर से एडिलेड में डे नाईट फॉर्मेट में खेला जायेगा। जिसके बाद कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए भारत वापस लौट जायेंगे। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में बाकी 3 मैचों में भारत की कप्तानी अजिंक्य रहाणे करते नजर आयेंगे। ऐसे में कप्तान रहाणे के उपर इस बार दौरे की पूरे जिम्मेदारी होगी। जबकि पिछले साल 2019 में कोहली की कप्तानी में पहली बार टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गवास्कर ट्राफी को अपने नाम किया था। जिसके बाद अब उसे बचाए रखने का जिम्मा टीम के सभी खिलाड़ियों पर होगा।
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