Thursday, December 26, 2024
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Ind vs Aus, 4th ODI: क्या कोहली के तीन तिगाड़ा ने काम बिगाड़ा...?

चौथे वनडे को लेकर क्रिकेट फ़ैंस को कई उम्मीदें थी. एक तरफ जहां लग रहा था टीम इंडिया 3-0 की बढ़त के बाद कंगारुओं को भी 5-0 से धो डालेगी वहीं उसका आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर 1 का ताज भी उसके सिर पर बरक़रार रहेगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।

Written by: Feeroz Shaani
Updated : September 29, 2017 19:11 IST
Richardson with team mates celebrates after dismissing...
Richardson with team mates celebrates after dismissing India's Rohit

चौथे वनडे को लेकर क्रिकेट फ़ैंस को कई उम्मीदें थी. एक तरफ जहां लग रहा था टीम इंडिया 3-0 की बढ़त के बाद कंगारुओं को भी 5-0 से धो डालेगी वहीं उसका  आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर 1 का ताज भी उसके सिर पर बरक़रार रहेगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। टीम इंडिया 21 रनों से हार गई. यही नहीं अगर टीम इंडिया ये मैच जीत जाती तो विराट कोहली लगातार दस वनडे जीतने बाले पहले भारतीय कप्तान बन जाते लेकिन ये भी नही हुआ. बहरहाल, इस हार के साथ ही साउथ अफ्रीका 5957 पॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर पहुंच गई है जबकि टीम इंडिया के 5828 पॉइंट्स हैं। 5879 पॉइंट्स के साथ ऑस्ट्रेलिया तीसरे नंबर पर काबिज है। 

1.दानवीर भारतीय गेंदबाज़

बेंगलुरु के एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए चौथे वनडे में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए डेविड वॉर्नर (124) और एरॉन फिंच (94) के बीच पहले विकेट के लिए हुई 231 रनों की साझेदारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 335 रनों का लक्ष्य रखा था। ये लक्ष्य कहीं और विशाल हो सकता था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सेट बल्लेबाज़ों के आउट होने से संभव न हो सका. भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन औसत ही रहा क्योंकि केदार जाधव को छोड़कर कोई भी बॉलर कंगारुओं पर अंकुश नहीं लगा सका। उमेश यादव ने ज़रुर दूसरे स्पैल में चार विकेट लिए लेकिन रन देने के मामले में भी उन्होंने ख़ूब उदारता दिखाई. 

2.बॉलिंग लाइन अप में अति प्रयोग पड़ा मंहगा

 
एक बात समझ नहीं आई कि कप्तान कोहली को अगर दूसरे खिलाड़ियों को मौक़ा देना ही था तो गेंदबाज़ी में एक-दो परिवर्तन कर सकते थे लेकिन उन्होंने अब तक हर कसौटी पर ख़रे उतरे भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बूमराह और कुलदीप यादव, तीनों को ही बाहर बैठाकर शमी, यादव और अक्षर पटेल को टीम में जगह दे दी जबकि इनमें सो कोई भी इसके पहले एक भी मैच नहीं खेला था. इसके अलावा डेविड वॉर्नर को कुलदीप ने पूरी सिरीज़ में परेशान किया है फिर भी उन्हें बाहर बैठाया और इसका फ़ायदा उठाकर वॉर्नर ने फ़ॉर्म में वापसी करते हुए सेंचुरी लगा दी.

3.रहाणे का अतिमहत्वाकांक्षी शॉट

विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय ओपनर्स अजंक्य रहाणे और रोहित शर्मा ने शानदार शुरुआत करते हुए जीत के लिए ज़रुरी बुनियाद रखी और 106 रन जोड़ दिए. जिस तरह से दोनों खेल रहे थे लग रहा था भारत लक्ष्य हासिल कर लेगा. दोनों अर्धशतक लगा चुके थे. क्रिकेट की ज़रा भी समझ रखने वाले जानते हैं कि जब बड़े लक्ष्य का पीछा किया जाता है तो सेट बल्लेबाज़ो से उम्मीद की जाती है कि वे जितना हो सके स्कोर को लक्ष्य के करीब ले जाएं क्योंकि ये उनके लिए संभव भी है. नये बल्लेबाज़ के लिए आते ही प्रति ओवर रन की दरकार को पूरा करना आसान नहीं होता. ड्रिंक्स के बाद जैसे ही रहाणे ने रिचर्डसन का सामना किया, एक बड़ा शॉट लगाकर कैच आउट हो गए जिसकी उस वक़्त तो बिल्कुल ज़रुरत नही थी. 

4.रोहित शर्मा का रन आउट होना

रहाणे के बाद रोहित ने कप्तान कोहली के साथ स्कोर में 29 रन ही जोड़े थे कि ग़फ़लत की वजह से रोहित रन आउट हो गए. ये ग़फ़लत कितनी बड़ी थी इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों बल्लेबाज़ एक ही छोर पर पहुंच गए थे. कुछ ही देर में दो सेट बल्लेबाज़ों का आउट होना और वो भी इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते वक़्त, बहुत मंहगा साबित हुआ.

5.कोहली ने फिर दोहराई इंदौर की ग़लती

दो बल्लेबाज़ों के आउट होने केबाद अब सारी ज़िम्मेदारी कोहली पर आ गई थी. लेकिन कोहली ने यहां भी वही ग़लती दोहराई जो उन्होंने दूसरे वनडे में की थी. यहां भी उन्होंने शरीर के बहुत क़रीब पड़ी बॉल को थर्डमैन पर खेलने की कोशिश की और बोल्ड हो गए. आपको बता दें कि कोहली दूसरे वनडे में 90 से ज्यादा के स्कोर पर खेल रहे थे तभी बोल्ड हुए थे. यहां वह 21 रन ही बना सके. 147 के कुल स्कोर पर भारत अपने तीन प्रमुख बल्लेबाजों को खो चुका था.

6.पंड्या ने एडम ज़ंपा को लूटने के चक्कर में गंवाया अपना विकेट

बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हार्दिक पांड्या (41) और केदार जाधव ने टीम को संभाला और चौथे विकेट के लिए 78 रन जोड़े। पांड्या ने एक बार फिर लेग स्पिनर एडम ज़ंपा को अपना निशाना बनाया और उसका दोहन करने की ठानी लेकिन वह यह बुनियादी बात भूल गए कि ऑस्ट्रेलिया के पास इतने रन थे कि वह छक्को चौके खाकर भी पंड्या का विकेट ख़रीद सकती थी और हुआ भी यही. ज़ंपा ने 38वें ओवर में उन्हें वार्नर के हाथों कैच करवा दिया और ऐसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ को पवैलियन की राह दिखा दी जो उनसे मैच छीनने की कुव्वत रखता था। 225 पर चार विकेट गिरने के बाद भारत को लगभग साढ़े आठ रन प्रति ओवर के हिसाब से 13 ओवर में 110 रन बनाने थे जो ज़ाहिर है आसान काम नहीं था.

7.धोनी की जगह मनीष पांडे को भेजना

धोनी आज भी हमारे बेस्ट फ़िनिशर माने जाते हैं और उन्हें सेट होने में थोड़ा वक़्त लगता है लेकिन हैरानी की बात है कि कप्तान कोहली ने धोनी की जगह मनीष पांडे को भेजना बेहतर समझा, जबकि अनुभव के लिहाज़ से वह इस स्थिति में बैटिंग करने लायक़ क़तई नहीं थे. जाधव ने पांडे के साथ 61 रन ज़रुर जोड़े लेकिन तब तक प्रति ओवर रन की दरकार 11 रन प्रति ओवर से ज्यादा थी. जाधव के आउट होने के बाद धोनी ने मैच में जान पूंकने की कोशिश की लेकिन 47वें ओवर की पहली गेंद पर पांडे आउट हुए. इसके बाद धोनी ने 10 गेंदों में एक चौका और एक छक्का मार हारी हुई बाज़ी जीतने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और वह भी 48वें ओवर में चलते बने. इस तरह टीम इंडिया 50 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 313 रन ही बना सकी.

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