टीम इंडिया के अनुभवी ऑफ स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ( भज्जी ) ने महेंद्र सिंह धोनी के शुरूआती दिनों को याद करते हुए एक दिलचस्प खुलासा किया है। उनका कहना है कि धोनी इन दिनों जितना बोलते हैं उससे पहले जब टीम में आए थे तो वो बेहद ही शर्मीले खिलाड़ी थे। जिसके चलते वो कमरे से बाहर ही नहीं निकलते थे। इतना ही नहीं भज्जी ने कहा कि वो साल 2008 में हुए सिडनी टेस्ट के बाद से सबसे खुलकर बात करने लगे।
दरअसल, चेन्नई सुपर किंग्स के इंस्टाग्राम लाइव पर बात करते हुए भज्जी ने बताया कि जब धोनी का टीम इंडिया में चयन हुआ था तो वो किसी से ज्यादा बातें नहीं करते थे काफी शर्मीले थे।
भज्जी ने बताया, "हमने साथ में काफी क्रिकेट खेला है, हमने लगभग हर देश का दौरा साथ में किया। धोनी बहुत ही ज्यादा शर्मीले थे वो कभी भी कमरे से बाहर नहीं निकलते थे। वो बहुत ही ज्यादा शांत खिलाड़ी हुआ करते थे। साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के दौरा पर सिडनी टेस्ट में टीम ने साथ मिलकर जोरदार लड़ाई लड़ी थी इसके बाद से ही वो हम सभी के साथ खुलकर बात करने लगे।"
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इतना ही नहीं धोनी के साथ कई साल क्रिकेट खेलने के अनुभव के बारे में भज्जी ने अंत में कहा, “वह टीम में सबसे ज्यादा युवा थे वो कप्तान भी थे लेकिन फिर भी बहुत ज्यादा शर्माते थे। वो सलाह दिया करते थे लेकिन सबको अपने मनकी करने की इजाजत देते थे। वो आज भी बिल्कुल वैसे ही हैं, वो हर किसी को आजादी देते हैं यह एक ऐसी चीज है जो लोग उनसे सीख सकते हैं। आपको अपने गेंदबाजों को छूट देनी चाहिए।"
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बता दें कि इंडियन प्रीमियर लीग ( आईपीएल ) की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी धोनी करते हैं और भज्जी इसी टीम की तरफ से खेलते हैं। भज्जी उस विश्व कप टीम का भी हिस्सा थे जिसने 2011 में 28 साल बाद विश्व चैंपियन बनना का भारत का सपना पूरा किया था।