भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में वनडे क्रिकेट के नियमों पर सवाल उठाए थे। सचिन सोशल मीडिया पर कहा था कि मौजूदा वनडे नियम बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल हैं। सचिन का ये बयान हरभजन के उस ट्वीट के समर्थन में आया था जिसमें भज्जी ने कहा था कि बल्ले और गेंद में सुंतलन बनाए रखने के लिए आईसीसी में गेंदबाजों की जरूत है। जब टीम 260/270 बनाती हैं तो मैच ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाता है आज के दौर में हर कोई 320/330 का स्कोर बना रहा है और इतना लक्ष्य हासिल भी कर रहा है।
वनडे में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच प्रतिस्पर्धा को लेकर अब भारत के पूर्व कप्तान और पूर्व मुख्य चयनकर्ता कृष्णामचारी श्रीकांत का बयान आया है। कृष्णामचारी श्रीकांत का भी मानना है कि बल्ले और गेंद के बीच में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, न कि किसी एक चीज का दबदबा।
श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स तमिल पर एक शो में कहा, "जब गेंद और बल्ले में प्रतिस्पर्धा अच्छी होती है तो आप किसी भी प्रारूप में देख लीजिए प्रतिद्वंदिता भी अच्छी रहती है, 2019 विश्व कप एक उदाहरण है। हमारे समय में बाउंड्री 80-90 मीटर की होती थीं और अब 70-75 मीटर की होती हैं।"
गौरतलब है कि वनडे मैच में अभी दो नई सफेद गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मैच की एक पारी में पावर प्ले का नियम भी है जिसे तीन भागों में बांटा गया है। इस दौरान फील्डिंग करने वाली टीम को 30 गज के घेरे के बाहर एक निश्चित संख्या में फील्डर रखने की इजाजत होती है।
वनडे मैच की एक पारी में 1-10 ओवर के पहले पावर प्ले में केवल दो खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होते हैं। दूसरा पावर प्ले 11वें ओवर से 40वें ओवर तक का होता है जिसमें केवल चार खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर रखे जाते हैं। वहीं, आखिरी के 10 ओवर में 5 खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होते हैं।