पिछले कुछ समय से भाई-भतीजावाद यानी नेपोटिज्म का मुद्दा गर्माया हुआ है जिससे क्रिकेट जगत भी अछूता नहीं रहा है। इसी मुद्दे पर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के भतीजे और क्रिकेटर इमाम उल हक ने खुलकर अपनी राय रखी है। इमाम उल हक ने खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान टीम में जगह बनाने के बाद उन्हें भी भाई-भतीजावाद से जूझना पड़ा था।
इमाम ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के शो क्रिकेटबाजी पर पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीपदास गुप्ता के साथ बातचीत के दौरान कहा, "जब यह सभी चीजों शुरू हुई, तो मैंने सारे समय अकेले ही खाना खाया। यह मेरा पहला दौरा था और आप समझ सकते हैं कि पहला दौरा कैसा होता है। जब कभी भी मैं अपना फोन खोलता था, तो लोगों ने मुझे सोशल मीडिया पर टैग किया हुआ होता था या फिर मुझे काफी चीजें भेजा करते थे। मैं बहुत ही निराश था और कुछ भी समझ नहीं आता था।"
उन्होंने कहा, " इसके बाद मैंने अपने परिवार के लोगों से बात करना बंद कर दिया था क्योंकि मैं उन पर दबाव नहीं डालना चाहता था। मैं नहीं चाहता था उनको मेरी परेशानी के बारे में पता चले। मैंने अपना दोनों फोन बंद कर दिया था और मैनेजर को रखने दे दिया। यह भी कहा था कि मैं इसे नहीं ले सकता, इसको मेरे पास से ले जाइए।"
पाकिस्तानी बल्लेबाज ने कहा, "मुझे याद है कि मैं बाथरूम में नहाते समय भी घंटों भर रोता था कि मैंने अब तक एक भी मैच नहीं खेला। एक युवा के लिए अपने आप पर शक करना और निराशा में जाना काफी आसान होता है।"
इमाल ने कहा, "एक बात जो लगातार दिमाग में चलती रहती है कि अब तक तो मैंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेला भी नहीं। क्या हुआ अगर मैंने खेला और अच्छा नहीं कर पाया, फिर तो मेरा करियर खत्म हो जाएगा। मैं अपने कमरे से बाहर एक कदम भी नहीं निकला, क्योंकि मुझे डर लगता था कि लोग बाहर जाने पर परेशान करेंगे, खासकर तब जब दुबई में पाकिस्तानी समुदाय के काफी लोग हैं।"
गौरतलब है कि इमाम उल हक ने अक्टूबर 2017 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में पाकिस्तान के लिए अपना डेब्यू किया था। इमाम को सीरीज के तीसरे मैच में खेलने का मौका मिला और शानदार शतक जड़ा। इमाम पाकिस्तान के दूसरे ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू वनडे मैच में शतक जमाया है। इमाम इंग्लैंड में खेले गए 2019 विश्व कप में भी पाकिस्तान टीम का हिस्सा थे।