इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल ऑफ इंडिया (BCCI) को एक पत्र लिखकर दिल्ली के पॉल्यूशन में भारत-श्रीलंका टेस्ट मैच कराने पर चिंता ज़ाहिर की है. एसोशिएशन ने सुझाव दिया है कि मैच के पहले ग्राउंड, पिच कंडीशन के अलावा पॉल्यूशन पर भी ध्यान दिया जाए.
ग़ौरतलब है कि दिल्ली में तीसरे टेस्ट में श्रीलंका के खिलाड़ी 3 बार (3,4,5 दिसंबर को) मास्क लगाकर फील्डिंग करने ग्राउंड पर आए थे. उन्होंने कई बार प्रदूषण से तबीयत ख़राब होने की शिकायत की थी. प्रदूषण और खिलाड़ियों के विरोध की वजह से 3 दिसंबर को 26 मिनट तक खेल नहीं हो सका था.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिखा है, "एयर पॉल्यूशन प्लेयर्स के परफॉर्मेंस को कम कर देता है. उस जगह जहां मिलीसेकंड्स और मिलीमीटर्स से आपकी कामयाबी तय होती है, वहां हाई पॉल्यूशन लेवल परफॉर्मेंस पर खासा असर डाल सकता है. बारिश और खराब रोशनी को उसी स्थिति में स्वीकार किया जा सकता है, जब खेलने के लिए मुफीद स्थितियां हों. हमारा सुझाव है कि एयर पॉल्यूशन को भी मैच खेलने का क्राइटेरिया मानना चाहिए."
रविवार को दबाव में खेल रही श्रीलंकाई टीम के 7 खिलाड़ी लंच ब्रेक के बाद मास्क पहनकर उतरे थे. उसके अलग-अलग खिलाड़ियों की वजह से अगले 58 मिनट में चार बार खेल रोकना पड़ा. इस वजह से 26 मिनट खेल नहीं हो सका.
128वें ओवर में तो श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांडीमल ने अंपायर से खेल रोकने का इशारा किया और कहा कि उनके पास मैदान पर 10 खिलाड़ी ही बचे हैं. श्रीलंका के इस ड्रामे से भारतीय कप्तान विराट कोहली बेहद खफा नजर आए और उन्होंने गुस्से में ही पारी खत्म की घोषणा कर दी थी.
फिरोजशाह कोटला टेस्ट के चौथे दिन भी श्रीलंका के खिलाड़ी मास्क पहनकर फील्डिंग के लिए उतरे थे. बॉलिंग के दौरान सुरंगा लकमल को उल्टियां होने लगीं थी. इसके बाद जब श्रीलंकाई टीम 410 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी तो भारतीय बॉलर मोहम्मद शमी भी उल्टियां करते नजर आए हालांकि, उसकी वजह गले में मक्खी जाना बताया गया था.
ग्राउंड में आने से पहले मैच रेफरी डेविड बून और डीडीसीए ने जब इनकी मेडिकल जांच कराई तो बिल्कुल फिट मिले. जांच करने वाले एम्स के एनेस्थीसिया पेन एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अमरपाल भल्ला ने इनके फिट होने की रिपोर्ट मैच रैफरी को सौंपी थी. डॉ. भल्ला ने बताया कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों का पल्स रेट 70 से 80 के बीच और लंग्स रेट 90 से 100 के बीच पाया गया जो एक व्यक्ति के सबसे अधिक फिट होने का सर्टिफिकेट माना जाता है.