लंदन। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 57 रन की आकर्षक पारी खेलकर लय हासिल करने वाले इंग्लैंड के मध्यक्रम के बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने कहा कि वह टीम में अपनी जगह बरकरार रखने के बारे में सोचने के बजाय जब भी मौका मिले तब रन बनाने पर ध्यान देने की कोशिश करते है। भारत के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला के पहले टेस्ट में टीम में वापसी करने वाले बेयरस्टो ने लगभग दो वर्षों में अपना पहला अर्धशतक बनाया। उन्होंने कप्तान जो रूट (नाबाद 180) के साथ 121 रन की शानदार साझेदारी की जिससे इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में भारत पर 27 रन की बढ़त के साथ 391 रन पर ऑल आउट हुई।
मैच में अभी दो दिनों का खेल बाकी है बेयरस्टो ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘‘आप खेलना चाहते हैं, और अगर आप खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं तो आप टीम में बने रहेंगे।’’ बेयरस्टो की बल्लेबाजी कम्र में लगातार बदलाव होता रहा है और ऐसी स्थिति उनकी विकेटकीपिंग की भूमिका के साथ भी है। सीमित ओवरों के इस विशेषज्ञ को इससे पहले भी टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। इस साल श्रीलंका दौरे पर उन्होंने तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी की लेकिन भारत के खिलाफ अहमदाबाद में खेले गये दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में से तीन में खाता वह खाता खोलने में नाकाम रहे और फिर टीम से बाहर हो गये।
इस 31 साल के खिलाड़ी ने टीम में जगह को लेकर पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि टीम का संतुलन कैसे काम करता है। अलग-अलग संतुलन और अलग-अलग जरूरत है जिन्हें हम अपना सकते हैं। आपको स्वाभाविक रूप से इसका ध्यान रखना होगा।’’ बेयरस्टो अपनी अर्धशतकीय पारी को शतक में बदलने में नाकाम रहे और मोहम्मद सिराज की शार्ट पिच गेंदों पर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपनी पारी आगे बढ़ाना चाहता था लेकिन पिच से गेंद को दोहरी गति मिल रही थी। कुछ गेंदें उछाल के साथ विकेटकीपर के पास पहुंच रही थी तो कुछ नीचे रह रही थी।’’
बेयरस्टो ने मैच में 180 रन की नाबाद पारी खेलने वाले अपने कप्तान की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘ उन्हें इस लय में बल्लेबाजी करते देखना शानदार है।’’ उन्होंने रूट के साथ साझेदारी पर कहा, ‘‘ यह मैच का लुत्फ उठाने और चुनौतियों का मुस्कुराहट के साथ सामना करने के बारे में था। हमने आज लगभग 400 रन बनाये और अपने हमारा रवैया देखा होगा, हम मुस्कुरा और हंसने के साथ मैच पर अपना ध्यान बनाये रखे थे। ’’