ऋषभ पंत, जब यह नाम कानों में गूंजता है तो बस जहन में एक ही बात आती है यह खिलाड़ी भारत का उभरता सितारा है और आगे आने वाले समय में यह टीम इंडिया में महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेगा। पंत ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था जहां उन्होंने शुरुआत में काफी गलतियां करी, लेकिन आखिरी मैच में शतक जड़ सबको प्रभावित भी किया।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने अपने खेल में सुधार किया और एक बार फिर सबका दिल जीता। इस दौरान विराट कोहली समेत कई दिग्गजों ने ऋषभ पंत की तारीफों में पुल बांधे तो कई दिग्गजों ने उनकी विकेट कीपिंग से लेकर बल्लेबाजी करते दौरान उनके टेंपरामेंट की आलोचना भी की। वर्ल्ड कप से पहले आईपीएल में परफॉर्म कर ऋषभ पंत के पास टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने का बेहतरीन मौका है, लेकिन आईपीएल में वो जिस तरह से खेल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि वो कभी टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाएंगे।
आईपीएल के पहले मैच में पंत ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 27 गेंदों पर 78 रनों की नाबाद पारी खेली और तारीफें बटोरी, लेकिन अगले कुछ मैच में उन्होंने जिस गैर जिम्मेदाना अंदाज से बल्लेबाजी की उसे हर कोई खासा नराज भी हुआ।
ऋषभ पंत की गलती नंबर 1
कोलकाता के खिलाफ जब पंत बल्लेबाजी करने आए तब टीम को 8 ओवर में 69 रन की जरूरत थी और क्रीज पर पृथ्वी शॉ 55 रन बनाकर लाजवाब बल्लेबाजी कर रहे थे। शुरुआत में तो पंत ने पृथ्वी शॉ का बखूभी साथ निभाया और टीम को जीत के पास लेकर गए, लेकिन जब टीम को आखिरी 18 गेंदों पर 18 रनों की जरूरत थी तब पंत को लगा अब यहां से हम जीत आसानी से जीत जाएंगे और मैच को जल्दी खत्म करने के प्रयास में वो कुलदीप यादव का शिकार बने।
पंत के आउट होने के बाद टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और दिल्ली की टीम जीत से मात्र 1 कदम दूर रह गई। हालांकि अंत में टीम ने सुपर ओवर में रबाडा की लाजवाब गेंदबाजी की मदद से मैच जीता, लेकिन अगर पंत उस समय धैर्य रखते तो उनकी टीम इस स्थिति तक पहुंचती ही नहीं।
ऋषभ पंत की गलती नंबर 2
ऐसा ही कुछ अगले मैच में पंजाब के खिलाफ हुआ। पंत जब बल्लेबाजी करने क्रीज पर आए तो दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर ने शिखर धवन के साथ रन बनाने की नीव रख दी थी, यहां से पंत को गेम को चलाना था। पंत ने पहले धवन और उसके बाद इंग्राम के साथ लाजवाब बल्लेबाजी की और टीम को जीत के नजदीक पहुंचाया।
एक समय ऐसा आया जब दिल्ली को जीत के लिए 24 गेंदों पर 30 रनों की जरूरत थी और पंत 33 और इंग्राम 36 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे। दिल्ली की टीम जीत के बेहद करीब थी, तब पंत को लगा अब तो जीत उनकी मुठ्ठी में है और पंत फिर बेबाकी से बड़े शॉट लगाने लगे। 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर पंत ने शमी को लॉन्ग ऑन की दिशा में बड़ा छक्का लगाया, लेकिन अगली ही गेंद पर एक और बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में वो बोल्ड भी हो गए। जब पंत आउट हुए तब टीम को 21 गेंदों पर 23 रनों की जरूरत थी।
पंत के आउट होने के बाद एक बार फिर टीम का कोई बल्लेबाज क्रीज पर नहीं टिक पाया और दिल्ली यह मैच 14 रनों से हारी। अगर पंत यहां भी थोड़ा आराम से बल्लेबाजी करते तो वो अपनी टीम को जीत दिलाकर हीरो बन सकते थे।
ऐसे भारतीय टीम में जगह पक्की नहीं कर पाएंगे पंत
इन दोनों मैच में पंत के रवैये को देखकर पता चलता है कि जब टीम मैच जीतने वाली होती है तो वो अपना टेंपरामेंट खो देते हैं जिसकी वजह से टीम को हार का सामना करना पड़ता है। साथ ही यह भी साफ हो गया है कि वो भारतीय टीम के लिए एक फिनिशर बल्लेबाज के रूप में जगह बनाने के लिए अभी बिल्कुल तैयार नहीं है।
आईपीएल में उन्हें अभी आगे काफी मौके मिलेंगे इस वजह से वो इस टूर्नामेंट में अपनी इस आदत को सुधार सकते हैं, लेकिन अगर भारतीय टीम में वो लगातार ऐसा करते पाए गए तो वो कभी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाएंगे।