लंदन: महिला विश्व कप के फ़ाइनल में आज यहां भारतीय टीम की सीनियर खिलाड़ी फ़ास्ट बॉलर झूलन गोस्वामी ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वो कर दिखाया जिसकी सभी भारतीय उम्मीद लगाए बैठे थे। झूलन ने ऐसे समय विकेट निकाले जब लग रहा था कि भारत में मुसिबत में घिर रही है।
ऐसे लाईं झूलन टीम को पटरी पर
इंग्लैंड का एक समय स्कोर तीन विकेट पर 63 था और लग रहा था कि मैच पर भारत की पकड़ मज़बूत है लेकिन सारह टेलर (45) और नताली स्काइवर ने जमकर खेलते हुए स्कोर आगे बढ़ाना शुरु कर दिया। वे बहुत आसानी से स्कोर कर रही थीं और दोनों की जोड़ी ख़तरनाक नज़र आने लगी थी क्योंकि चौथे विकेट के लिए इंग्लैंड के स्कोर में 83 रन जुड़ चुकी थीं। तभी कप्तान मिताली ने अपनी सबसे अनुभवी गेंदबाज़ पर फिर विश्वास करते हुए बॉल झूलन को थमा दी। झूलन ने 33वें ओवर की चौथी बॉल पर सारह को चलता कर दिया। गोस्वामी यहीं नहीं रुकी और अगली ही बॉल पर फ़्रान विल्सन को भी बिना खाता खोले पवैलियन की राह दिखा दी। पांच ओवर के बाद एक बार फिर झूलन ने उम्मीदों पर खरे उतरते हुए स्काइवर का बेशक़ीमती विकेट झटक लिया। झूलन ने अपने 10 ओवर के कोटे से महज़ 23 रन देकर तीन विकेट लिए। उन्होंने तीन मैडन ओवर भी फेंके।
भारत दूसरी बार महिला विश्व कप फ़ाइनल में पहुंची है। पिछली बार 2005 में भारत फ़ाइनल में पहुंची थी जहां उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। तब भी मिताली और झूलन टीम की सदस्य थीं।