भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान का मानना है कि गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को गेंदबाजों के लिए बड़ा झटका करार दिया है। इरफान ने साथ ही ICC से खेल में बल्लेबाजों के दबदबे को रोकने के लिए गेंदबाजी के अनुकूल टेस्ट विकेट बनाने की मांग की है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने कोरोनोवायरस खतरे से निपटने के लिए एक अंतरिम उपाय के रूप में लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
पठान का मानना है कि ये प्रतिबंध दो साल तक खिंच सकता है जिससे बल्लेबाजों को अनुचित लाभ मिलेगा। पठान ने कहा, "आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों के लिए अधिक उपयुक्त हो। यदि आप गेंद को ठीक से चमका नहीं पाते हैं, तो आप वैज्ञानिक कारणों से हवा को काट नहीं पाएंगे।"
उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा, "अगर आप स्विंग करने में सक्षम नहीं हैं, तो बल्लेबाज के लिए यह आसान होगा क्योंकि कोई भी सिर्फ गति से नहीं डरता है। यह गति और स्विंग का संयोजन है जो उन्हें परेशान करता है।"
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पठान ने आगे कहा, "यह (प्रतिबंध) टेस्ट मैचों में गेंदबाजों को बहुत प्रभावित करेगा। इससे सफेद गेंद वाली क्रिकेट में कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि गेंदबाज वैसे भी पहले कुछ ओवरों के बाद गेंद को नहीं चमकाते हैं। वे इसे नरम बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "रेड-बॉल क्रिकेट में तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों को गेंद को चमकाने की जरूरत है। स्पिनर को गेंद को ड्रिफ्ट के लिए चमक पर निर्भर करता है। यह बल्लेबाज के लिए एक बड़ा फायदा होगा। खेल बल्लेबाजों के अनुकूल भी हो जाएगा।"
पिच पर घास की जगह नमी पसंद करने वाले ने पठान ने कहा, "अगर आप इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को देखें तो वहां ज्यादा घास नहीं है, लेकिन नमी है जो गेंदबाजों को मदद करती है।" पठान का मानना है कि रिवर्स स्विंग केवल अत्यधिक गति के साथ काम करती है, जो उनके अनुसार आधुनिक क्रिकेट में दुर्लभ है।
(With PTI inputs)