नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान की तूफ़ानी गेंदबाज़ी के सामने ताश के पत्तों की तरह ढहने वाली भारतीय बल्लेबाज़ी में सिर्फ एक बहादुर खड़ा था हार्दिक पंड्या। पंड्या जब बुझती आशाओं का दीया छक्के चौकों से जलाने की कोशिश कर रहे थे तभी रविंद्र जडेजा की ग़लती की वजह से पंड्या रन आउट हो गए और उम्मीदों का दिया भी फक्क से बुझ गया।
पांड्या 76 रन बनाकर रन आउट हो गए लेकिन जब वो रन आउट होकर मैदान से बाहर जा रहे थे तब वो बहुत गुस्से में थे और पवेलियन लौटते समय बार-बार जडेजा की तरफ देखते हुए लगातार कुछ ना कुछ बोल रहे थे। पंड्या के आउट होने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम को कभी ना भूलने वाली 180 रन की हार का सामना करना पड़ा। इस अहम मुकाबले में भारत की तरफ से सिर्फ एक ही अर्धशतक लगा और वो भी हार्दिक पांड्या के बल्ले से निकला।
पंड्या को अपने रन आउट का मलाल इतना था कि उनका ग़ुस्सा मैच ख़त्म होने के बाद भी ठंडा नहीं हुआ और उन्होंने ट्वीट कर अपना गुस्सा उतारा। मैच के बाद पांड्या ने ट्वीट कर लिखा, ‘ हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था’। हालांकि थोड़ी ही देर के बाद ना जाने क्यों हार्दिक ने इस ट्वीट को अपने अकाउंट से डिलीट भी कर दिया।
पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस फाइनल मुकाबले में पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व धुरंधर बल्लेबाज़ एड्म गिलक्रिस्ट का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस मैच में पांड्या ने 32 गेंदों पर अर्धशतक जमाया। ये आइसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में सबसे तेज़ हॉफ सेंचुरी रही। इससे पहले ये रिकॉर्ड एड्म गिलक्रिस्ट के नाम था। उन्होंने ये कमाल 33 गेंदों पर किया था और पांड्या ने उनके एक गेंद कम खेलेते हुए फिफ्टी ठोकी। पांड्या ने इस मैच में 43 गेंदों पर 76 रन की पारी खेली और शादाब खान के एक ओवर में लगातार तीन गगनचुंबी सिक्सर जमाते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया था।