लंदन: टीम इंडिया और पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफ़ी में रविवार को एक बार फ़िर आमने सामने होंगे लेकिन इस बार ये कोई लीग मैच नहीं बल्कि फ़ाइनल है जिसे दोनों देशों के बीच महामुक़ाबला कहा जा रहा है। भारत का प्रदर्शन जहां शानदार रहा है वहीं पाकिस्तान लड़खड़ाते हुए फ़ाइनल में पहुंची है। भारत लीग दौर में श्रीलंका से हारी थी वर्ना उसका खेल अब तक बेदाग़ रहा है। काग़ज़ पर भी वह पाकिस्तान पर भारी नज़र आती है और दोनों देशों के न्यूज़ चैनलों पर चल रही चर्चा को भी सुनें तो लगभग सभी दिग्गज मान रहे हैं कि पाकिस्तान की राह बेहद कठिन होगी। बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं कि
क्या पाकिस्तान टॉस जीतकर फिर पहले बॉलिंग करेगी?
चैंपियंस ट्रॉफ़ी में अपने चारों मैचों में पाकिस्तान की रणनीति रही है- पहले बॉलिंग करो, विरोधी टीम को 300 के अंदर रोको और फिर ल7्य का पीछा करो। पाकिस्तान की ये रणनीति भारत के ख़िलाफ़ पहले मैच के सिवाय हर मैच में कामयाब रही है। पाकिस्तान की बॉलिंग में जैसे जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, सुधार हुआ है और हसन अली जैसे बॉलर अचानक ख़तरनाक लगने लगे हैं। अगर मोहम्मद आमिर सौ फ़ीसद फिट रहते हैं तो उनका खेलना तय है और इससे पाकिस्तान का बॉलिंग आक्रमण और मज़बूत हो जाएगा। लेकिन पाकिस्तान ने ओवल में एक भी मैच नहीं खेला है जहां 2015 विश्व कप के बाद पहली पारी का औसत स्कोर 293 रहा है। यहां एजबेस्टन और कार्डिप की तुलना में 300-+ के स्कोर अक़्सर बनते रहते हैं। बावजूद इसके कि पाकिस्तान ने सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड का 211 का स्कोर चैज़ किया था और पहले मैच में भारत के बल्लेबाज़ों ने उसके गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई लगाई, देखना ये होगा कि क्या पाकिस्तान फिर पहले बल्लेबाज़ी करना चाहेगी?
बीच के ओवरों की जंग कौन जीतेगा?
- कहा जा रहा है कि फ़ाइनल प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ बैटिंग लाइन अप और सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग लाइन अप के बीच है। वैसे ये हमेशा ही होता रहा है। पाकिस्तान की बॉलिंग जहां मज़बूत रही है वहीं भारत की बैटिंग दमदार रही है। फ़ाइनल में ये देखना दिलचस्प होगा कि दोनों टीमें बीच के ओवर में क्या करती हैं। भारत जहां श्रीलंका के ख़िलाफ मिडिल ओवर में लड़खड़ा गई थी वहीं पहले मैच में पाकिस्तान का भी भारत के ख़िलाफ़ बुरा हाल हुआ था।
- पहले मैच के बाद पाकिस्तान के बॉलिंग अटैक में ग़ज़ब का बदलाव देखेने को मिला है। उसके फ़ास्ट बॉलरों ने यॉर्कर और रिवर्स स्विंग से विरोधी टीम के तगड़े मिडिल ऑर्डर की कमर तोड़ी जबकि उसके स्पिनरों ने रनों पर अंकुश लगाया। मिडिल ओवर में उसके तीनों स्पिनरों ने प्रति ओवर पांच से कम रन दिए।
- इस मामले में भारत के भी बॉलर्स पीछे नहीं हैं और उन्हें फ़ील्डरों से भी ज़बरदस्त मदद मिली है। सेमी फ़ाइनल में जब बांग्लादेश 300 की तरफ जाती दिख रही थी तब केदार जाधव ने ही जोड़ी को तोड़ा था। फ़ाइनल में भी केदार से मिडिल ओवर में ऐसी ही उम्मीद रहेगी।
- दोनों ही टीमों ने 31 और 40 ओवरों के बीच विरोधी टीमों पर लगाम कसी है हालंकि मैच का ये वो दौर होता है जब बैटिंग करने वाले साइड रन की गति बढ़ाती है। इस दौर में भारत ने जहां अपने कम से कम एक फ़ास्ट बॉलर को आक्रमण पर वापस लगाया है वहीं पाकिस्तान ने पुरानी बॉल से मोहम्मद आमिर और जुनैद से बॉलिंग करवाई है। भारत ने जहां 4.40 की औसत से सात विकेट चटकाए हैं वही पाकिस्तान ने प्रति ओवर मात्र 3.60 रन देकर आठ विकेट लिए हैं।
पिछले मैच के बाद से दोनों टीमों के बीच क्या बदलाव हुआ है?
- अहमद शहज़ाद पाकिस्तान के पिछले तीनों मैचों में बाहर बैठे हैं और फ़ख़र ज़मां ने ओपमनर की हैसियत से कुछ अच्छी पारियां खेलकर फ़ाइनल के लिए टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। वहाब रियाज़ का न खेलना लगभग तय है और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना पहला वनडे खेलने वाले रुमान रईस ने प्रभावित किया है। पहले मैच के बाद पाकिस्तान का इकोनॉमी रेट 6.64 से गिरकर 4.46 हो गया है और ये देखना दिलचस्प होगा कि ये नये गेंदबाज़ भारत की शक्तिशाली बैटिंग के आगे कैसी बॉलिंग करते हैं।
- भारत ने अब तक तय योजना के अनुसार बैटिंग की है और फ़ाइनल में इसमें कोई बदलाव की संभावना नज़र नहीं आती। कप्तान सरफ़राज़ अहमद भारत के टॉप ऑर्डर बैट्समैन के ख़िलाफ़ जुनैद ख़ान का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि जुनैद का रोहित शर्मा और विराट कोहली के ख़िलाफ़ अच्छा रिकॉर्ड है। मोहम्मद हफ़ीज़ ने पहेल गैम में बॉलिंग नहीं की थी लेकिन फ़ाइनल में हम उन्हें बॉलिंग एक्शन में देख सकते हैं।
- पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ़ लचर फील्डिंग के बाद इंग्लैंड के साथ मैच में कमाल की फी़ल्डिंग दिखाई और अगर उसे भारत को रोकना है तो उसे ये कमाल एक बार फिर दिखाना होगा।
क्या भारत फिर दो स्पिनर खिलाएगी?
अश्विन ने साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ हाशिम आमला का महत्वपूर्ण विकेट लिया था हालंकि सेमी फ़ाइनल में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दस ओवर में उन्होंने 54 रन दिए थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था। तमीम इक़बाल ने अश्विन की 20 बॉलों पर 26 रन बनाए थे और विराटो कोहली को रनों को रोकने के लिए केदार जाधव को बॉल देनी पड़ी थी। हो सकता है कोहली बॉलिंग लाइन अप में बदलाव के लिए ललचाएं ख़ासकर तब जबकि भारत को एकमात्र हार का सामना ओवल में ही करना पड़ा था। इस मैच में उमेश यादव की काफी पिटाई हुई थी और अगले मैच में अश्विन को लाना पड़ा था। मोहम्मद शमी भी एक विकल्प है लेकिन उन्होंने एक भी मैच नहीं खेला है और अगर उन्हें टीम में शामिल किया जाता है तो हैरानी होगी हालंकि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनका शानदार रिकॉर्ड है।
भारत- विराट कोहली (कप्तान), अश्विन, जसप्रीत बूमरा, शिखर धवन, धोनी, रविंद्र जडेजा, केदार जाधव, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या, अजंक्य रहाणे, युवराज सिंह, उमेश यादव, मोहम्मद शमी।
पाकिस्तान- सरफ़राज़ अहमद (कप्तान), अहमद शहज़ाद, अज़हर अली, बाबर आज़म, शोएब मलिक, फ़ाहिम अशरफ़, इमाद वसीम, मोहम्मद हफ़ीज़, मोहम्मद आमिर, जुनैद ख़ान, शादाब ख़ान, हसन अली, वहाब रियाज़, फ़ख़र ज़मां, रुमान रईस, हारिस सोहैल।