भारत के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने मंगलवार को चर्चा की कि लार पर प्रतिबंध लगने से क्रिकेट किस तरह से बदल जाएगा। इस चर्चा के दौरान ब्रेट ली ने कहा कि मौजूदा गेंदबाजों के लिए लार के इस्तेमाल को बंद करना वास्तव में कठिन होगा। वहीं, सचिन तेंदुलकर ने सुझाव दिया कि आईसीसी को टेस्ट की एक पारी में 50 ओवर के बाद दूसरी नई गेंद उपलब्ध करानी चाहिए।
ली ने तेंदुलकर से 100 एमबी द्वारा पोस्ट वीडियो में बात करते हुए कहा, "यह एक कठिन फैसला है क्योंकि यह कुछ ऐसा है जो हमने अपने पूरे जीवन के दौरान किया है। 8-9 साल की उम्र से हमें गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग करने के लिए कहा गया था। इसलिए, अचानक आपको कुछ अलग बताया जाता है जो आप इसे तुरंत नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि इसे रोकना बहुत कठिन होगा।”
उन्होंने कहा, "अगर आपको पसीना नहीं आता है, तो आप लार के अभाव में गेंद को कैसे चमका सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि गेंदबाजों के लिए यह उचित है। यह उनके खिलाफ है।"
ली ने कहा, "मुझे लगता है कि आईसीसी को उस पर ध्यान देने की जरूरत है। वे गेंदबाजों को उनकी मदद करने के लिए कुछ ऐसा दे सकते हैं जिससे वे गेंद को चमका सकें, ऐसा कुछ जिस पर हर कोई सहमत हो।" ली ने आगे कहा, "मैं एक हरियाली पिच के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, जहां एक टीम 130 रनों पर ऑल आउट हो जाती है, लेकिन आपको तेज गेंदबाजों के लिए कुछ तो करना चाहिए।"
दूसरी तरफ, सचिन तेंदुलकर का मानना है कि ठंडे हालात में जब खिलाड़ी ज्यादा पसीना नहीं बहाते हैं, तो गेंद को चमकाना ज्यादा मुश्किल होगा और गेंदबाजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह होगा।
तेंदुलकर ने कहा कि ICC 80 ओवरों के बजाय 50 ओवरों के बाद टेस्ट क्रिकेट में नई गेंद के इस्तेमाल की अनुमति दे सकती है। उन्होंने गेंद को चमकाने के लिए गेंदबाजों द्वारा मोम के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया। तेंदुलकर ने कहा, "एक टीम द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वैक्स की मात्रा को निश्चित किया जाना चाहिए।"
गौरतलब है कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जुलाई में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए तैयार हैं। इस सीरीज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है। 3 मैचों की इस सीरीज का आगाज 8 जुलाई से होने जा रहा है।