भारत का 2006 का दक्षिण अफ्रीका दौरा एस श्रीसंत के लिए काफी खास रहा था क्योंकि उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 18 विकेट अपने नाम किए थे। इस दौरान उन्होंने जोहान्सबर्ग में खेले गए पहले टेस्ट मैच में पांच विकेट भी चटकाए थे साउथ अफ्रीका की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत भी थी।
तेज गेंदबाज श्रीसंत ने इस दौरे पर पहले टेस्ट की पहली पारी में ही पांच विकेट झटक लिए थे लेकिन श्रीसंत का कहना है कि यह पूर्व भारतीय क्रिकेटर और उस समय टीम के साथी सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के योगदान के बिना संभव नहीं था।
श्रीसंत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'मुझे अभी भी याद है कि टेस्ट सीरीज से पहले हमारा पोचेफस्ट्रूम में एक मैच था। सौरव गांगुली टीम में वापसी कर रहे थे और वह मुझे जल्दी ही नेट पर ले जाते थे। मैं बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ बहुत अच्छा गेंदबाज नहीं था और नेट्स में दादा के लिए लंबे स्पैल करने से मुझे गेंदबाजी में काफी मदद मिली।"
श्रीसंत ने पहले मैच के प्रदर्शन को डरबन में खेले गए दूसरे टेस्ट में भी जारी रखा और दोनों पारियों में चार-चार विकेट लिए। हालाँकि, उनकी ये कोशिश दक्षिण अफ्रीका को सीरीज में बराबरी हासिल करने से नहीं रोक सकी और भारत 174 रनों से ये मैच हार गया।
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उन्होंने आगे कहा, "अगर आप गौर करेंगे, तो मैंने दक्षिण अफ्रीका में बाएं हाथ के बल्लेबाजों- खासकर ग्रीम स्मिथ को काफी अच्छी गेंदबाजी की। हर विकेट के बाद मैं सचिन पाजी के पास जाता, क्योंकि वह भी मुझे मिड-ऑफ या मिड-ऑन से बताते रहते थे कि कहां गेंदबाजी करनी है। मैं मैन ऑफ द मैच था, लेकिन यह सब इन दिग्गजों के कारण था।" श्रीसंत ने आखिर में कहा, "मुझे नहीं पता था कि भारत कभी भी दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट नहीं जीता था और ये बात मुझे बाद में पता चली। मैं नेट्स में इन दिग्गजों के खिलाफ गेंदबाजी करता था जिससे मैं साउथ अफ्रीका में सफल हो पाया।”
गौरतलब है कि साल 2006 में मेजबान साउथ अफ्रीका और भारत के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी जिसमें अफ्रीका 2-1 से सीरीज पर कब्जा जमाने में सफल रहा था। मेहमान टीम भारत ने पहले मैच में जीत दर्ज करने के बाद आखिरी के दोनों टेस्ट मैच गवा दिए थे। इससे पहले खेली गई 5 मैचों की वनडे सीरीज में भारत को 4-0 से शिकस्त मिली थी।