नई दिल्ली। हनुमा विहारी इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में खेलकर गर्मियों के समय का सदुपयोग करना चाहते हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस भारतीय आलराउंडर की योजनाएं कुछ समय के लिये मूर्तरूप नहीं ले पाएंगी। भारतीय टेस्ट टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बनते जा रहा यह 26 वर्षीय खिलाड़ी काउंटी टीम के साथ अपने कौशल को निखारना चाहता था लेकिन अब उन्हें स्थिति के नियंत्रण में होने और यात्रा पर लगी पाबंदियों के हटने तक इंतजार करना होगा।
विहारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे इस सत्र में इंग्लिश काउंटी में चार मैच खेलने थे। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही मैं आपको काउंटी टीम का नाम बता पाऊंगा। अभी अपरिहार्य कारणों से इसे रोक दिया गया है।’’ आंध्र प्रदेश के इस खिलाड़ी को पूरा विश्वास है कि वह काउंटी क्रिकेट के बाद के सत्र में ब्रिटेन की यात्रा करने में सफल रहेंगे। काउंटी सत्र अप्रैल से सितंबर तक चलता है।
विहारी ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद मैं इन मैचों को खेलने में सफल रहूंगा। इससे मुझे काफी सीख मिलेगी।’’ बीसीसीआई ने हाल के वर्षों में आईपीएल में नहीं खेल रहे शीर्ष क्रिकेटरों को गर्मियों में काउंटी क्रिकेट में खेलने की अनुमति देनी शुरू कर दी थी।
चेतेश्वर पुजारा, इशांत शर्मा, रविचंद्रन अश्विन और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी काउंटी क्रिकेट में खेलते रहे हैं। विहारी एक दिन भी क्रिकेट से इतर नहीं रहना चाहते हैं और वह मंगलवार को तमिलनाडु सीए लीग में अपने नियोक्ता नेल्सन सीसी की तरफ से खेले। उन्होंने अलवरपेट सीसी के खिलाफ ड्रा मैच में 202 रन बनाये।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नेल्सन के लिये काम करता हूं और उपलब्ध रहने पर मैं उसकी तरफ से खेलने के लिये प्रतिबद्ध हूं। यह अच्छा मैच अभ्यास था। अब मैं वापस हैदराबाद लौट गया हूं। अभी मैं कुछ समय के लिये विश्राम ले रहा हूं।’’
न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च के हेडिंग्ले ओवल में 70 गेंदों पर 55 रन की पारी के बारे में विहारी ने कहा, ‘‘मैं इसे अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी नहीं कहूंगा। हां मैं अच्छा खेल रहा था लेकिन इस पारी से मैं अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाया। विषम परिस्थितियों में रन बनाकर अच्छा लगा लेकिन जब टीम जीतती है तो इसका महत्व अधिक होता।’’