अफगानिस्तान को दुनिया आतंक के लिए जानती है, वहां की आवाम आतंक से पीड़ित है और आए दिन धमाकों से वहां के लोग सहमे हुए रहते हैं। लेकिन इन सबके बीच क्रिकेट के खेल ने अफगानिस्तान में खास जगह बनाई है। इस खेल ने पूरे देश को एकजुट कर दिया है। दावा तो यहां तक भी किया जाता है कि तालिबान भी इस खेल और क्रिकेटरों को काफी पसंद करता है और क्रिकेटर देश के हीरों हैं।
अब अफगानिस्तान के क्रिकेट इतिहास में 23 मार्च की तारीख अमर हो गई है। दरअसल, आज ही के दिन अफगानिस्तान ने बेहद रोमांचक मुकाबले में आयरलैंड को हराकर 2019 विश्व कप में जगह बना ली। अफगानिस्तान को जीत दिलाई उनके कप्तान अशगर स्टैनिकजई ने। चोटिल होने के बाद भी स्टैनिकजई ने मैदान नहीं छोड़ा और अपने देश को सबसे बड़ी खुशी दे दी।
दर्द में भी बल्लेबाजी करते रहे स्टैनिकजई: स्टैनिकजई चोटिल थे और बल्लेबाजी के दौरान उन्हें कई बार दर्द से कराहते देखा गया। हालात यहां तक पहुंच गए कि मैदान में बार-बार फिजियो को आना पड़ रहा था लेकिन अपने देश के लिए स्टैनिकजई ने इस दर्द को पी लिया और जीत दिलाकर ही वापस आए। स्टैनिकजई ने 29 गेंदों में 4 चौके और 1 छक्के की मदद से नाबाद 39 रन बनाए।
जीत दिलाने के बाद स्टैनिकजई का बयान: कप्तानी पारी खेलने और अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद स्टैनिकजई बेहद खुश दिखाई दिए। स्टैनिकजई ने जैसे ही विजयी शॉट खेला वैसे ही वो दर्द को भूल गए और जश्न में डूब गए। मैच के बाद स्टैनिकजई ने कहा, 'हम 2019 विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर गए। चोट के कारण मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन देश के लिए खेलना ज्यादा जरूरी थी। ये हम सबके लिए सपना था। अफगानिस्तान वापसी के लिए जाना जाता है और हमने शुरुआती 3 मैच हारने के बाद वापसी की। निश्चित रूप से आज पूरा देश जश्न मना रहा होगा।'