मोहम्मद अशरफुल की गिनती बांग्लादेश के क्रिकेट इतिहास में शानदार बल्लेबाजों में होती है। मोहम्मद अशरफुल बांग्लादेश के कप्तान भी रह चुके हैं और हाल ही में उन्होंने बड़ा खुलासा कर सनसनी मचा दी है। मोहम्मद अशरफुल ने खुलासा किया है कि मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद उनके मन में कई बार आत्महत्या का ख्याल आया था। एक वक्त था जब अशरफुल को बांग्लादेश के सबसे शानदार खिलाड़ियों में गिना जाता था। साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने बेहतरीन शतकीय पारी खेली थी जिसकी बदौलत बांग्लादेश वनडे क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली जीत दर्ज करने में सफल रहा था।
साल 2001 में डेब्यू करने वाले अशरफुल का खराब समय उस समय शुरू हुआ जब उन पर बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में फिक्सिंग का दोषी पाया गया। इसके बाद बीपीएल की भ्रष्टाचार विरोधी ट्रिब्यूनल ने उन पर जून 2014 में 10 लाख बांग्लादेशी टका जुर्माने के साथ आठ साल का बैन लगाया था। हालांकि बाद में बैन को घटाकर पांच साल कर दिया था। बैन खत्म होने के बाद अशरफुल फिर कभी बांग्लादेश के लिए नहीं खेल पाए।
इस घटना के 7 साल बाद अशरफुल ने अपने दिल की बात साझा की है। अशरफुल ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, “जब कालेर कांठो (बांग्लादेशी न्यूजपेपर) ने ये खबर दिखाई तो मैं आत्महत्या करना चाहता था और कई बार ये विचार मेरे मन में आया।”
अशरफुल ने आगे कहा, “मैंने ये बात अपने साले मोजिबुल आलम को बताई और उन्होंने मेरा मजाक उड़ाते हुए समझाया कि अजहरुद्दीन जैसा महान खिलाड़ी भी इस तरह की कठिनाइयों से गुजरा है और फिर संभला। इन बातों से मुझे उबरने में काफी मदद मिली।"
गौरतलब है कि मोहम्मद अशरफुल ने महज 17 साल की उम्र में बांग्लादेश की ओर से डेब्यू किया था। यही नहीं, अशरफुल के नाम बांग्लादेश की ओर से सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक जड़ने का रिकॉर्ड है। ये कारनामा उन्होंने अपने दूसरे ही वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ किया था। अशरफुल के नाम 61 टेस्ट में 2,737 रन, 177 वनडे में 3468 रन और 23 T20I मैचों में 450 रन दर्ज हैं। अशरफुल ने 13 टेस्ट, 38 वनडे और 11 T2OI मैचों में बांग्लादेश की कप्तानी भी की।